BJP MP Harsh Mahajan Criticizes Congress : CPS निष्कासन के बाद हिमाचल की राजनीति फिर से गर्माने लगी है। बीजेपी राज्यसभा सांसद हर्ष महाजन ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल कांग्रेस सरकार को आज भी गिरा सकते है। हिमाचल के कांग्रेस गुटों में बंटी हुई है।
चंबा, ( विनोद ) : हिमाचल की राजनीति एक बार फिर से गर्मा गई है। भाजपा ने एक बार फिर से हिमाचल की कांग्रेस सरकार के गिरने का दावा किया है। भाजपा के राज्यसभा सांसद हर्ष महाजन का कहना है कि सीपीएस की तैनाती के परिणाम को कांग्रेस जानती थी लेकिन चूंकि प्रदेश में कांग्रेस गुटों के बंटी हुई है इसलिए गुटबाजी की चिंगारी को बुझाने के लिए सीपीएस तैनात किए गए।
राज्यसभा सांसद हर्ष महाजन ने कहा कि कांग्रेस ने CPS के अलावा दूसरे विधायकों को भी कैबिनेट रेंक दिए है। ये सभी लाभ के पद हैं। ये विधायक अनसीट होंगे। इससे इनकी सीटों पर दोबारा उप चुनाव(by-election) तय है। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के कई विधायक भाजपा के संपर्क में भी है।
हर्ष महाजन ने कहा कि अब फैसला हम करेंगे। सरकार आज भी गिरा सकते हैं। कांग्रेस के विधायकों के सिरमौर, कांगड़ा और ऊना में गुट बने हुए है। महाजन ने कहा कि अब हमारे पर निर्भर करता है कि कौन का गुट लेना है। उन्होंने कहा कि अदालत ने जिन विधायकों को सीपीएस के पद से हटाया है उनकी सदस्यता भी जाएगी। उन्होंने कहा कि भाजपा रिकवरी की मांग भी करेगी।
राज्यसभा सदस्य हर्ष महाजन ने कहा कि कुछ अन्य लोग जिन्हें कैबिनेट रैंक दे रखा है वे भी prophet law की चपेट में आएंगे और वे भी जाएंगे। उन्होंने कहा कि हिमाचल सरकार सुप्रीम कोर्ट में जाएगी तो भाजपा भी सुप्रीम कोर्ट जाएगी।
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हिमाचल के अस्थीर सरकार बनी- हर्ष महाजन
हर्ष महाजन ने कहा कि हिमाचल विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बहुमत भले मिला लेकिन जब से यह सरकार बनी है तब से अस्थीर है। वजह यह है कि कांग्रेस में गुटबाजी जोरों पर है। हालत यह है कि कांग्रेस के कई विधायक काम न होने की वजह से नाराज चले हुए है और भाजपा में आना चाहते है। उन्होंने कहा कि भाजपा हाईकमान तय करेगी कि किसे लेना है या नहीं।
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हिमाचल विधानसभा का मौजूदा गणित
68 विधायकों वाली हिमाचल विधानसभा में अभी कांग्रेस 40 और बीजेपी के पास 28 विधायक है। ऐसे में लाभ का पद के तहत यदि कांग्रेस के नौ विधायकों की सदस्यता चली जाती है तो कांग्रेस के पास 31 विधायक रह जाएंगे, जो कि बीजेपी से तीन ज्यादा होंगे। कांग्रेस सरकार के पास फिर पूरा बहुमत होगा। इसके बाद 9 सीटों पर उप चुनाव होंगे। 9 में से कांग्रेस को फिर से कम से कम 4 सीटें जीतनी होगी।