चंबा, ( विनोद ): पवित्र मणिमहेश यात्रा महज 7 मिनट में पूरी होगी। ऐसा इसलिए संभव होगा क्योंकि पर्यटन विभाग मणिमहेश डल झील में हेलीपेड निर्माण करने की योजना को अमलीजामा पहनाने जा रहा है। इस सुविधा को इसी वर्ष आयोजित होने वाली श्री मणिमहेश यात्रा से पूर्व अंजाम देने की तैयारियां की जा रही है।
सूत्रों की माने तो PWD को इस दिशा में प्रभावी कदम उठाने का जिम्मा सौंपा गया है। वर्तमान में मणिमहेश व भरमौर के बीच महज गौरीकुंड तक ही हेली टैक्सी सेवा की सुविधा उपलब्ध है। ऐसे में गौरीकुंड से आगे मणिमहेश डल झील तक के बीच की दूरी शिव भक्तों को पैदल ही तय करनी पड़ती है।
सांस फूलाने वाली इस चढ़ाई की वजह से कई शिव भक्त चाह कर भी अपनी मणिमहेश यात्रा को पूरा नहीं कर पाते हैं। इस स्थिति के चलते ऐसे श्रद्धालु अपनी यात्रा को गौरीकुंड तक ही सीमित रखने को मजबूर होते है। मणिमहेश डल झील में हेलीपैड का निर्माण योजना उन शिव भक्तों के लिए राहत भरा समाचार है जो अपनी इस यात्रा को पूरा करने की इच्छा रखते है। चूंकि मणिमहेश डल झील पर हेलीपेड नहीं है इस वजह से भरमौर-गौरीकुंड के बीच ही हवाई सेवा उपलब्ध है।
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7 मिनट में दूरी होगी तय
समुद्रतल से 13,390 फीट की ऊंचाई पर स्थित मणिमहेश झील तक पहुंचने के लिए लोगों को हड़सर से मणिमहेश डल झील तक की दूरी पैदल तय करनी पड़ती है जो कि भरमौर से पवित्र झील तक की दूरी 10 से 15 किलोमीटर है। इसे पैदल तय करने में करीब 10 से 12 घंटे लगते हैं। दूसरा तरीका भरमौर से गौरीकुंड के बीच हवाई मार्ग है जिसे हेलीकाप्टर के माध्यम से तय किया जाता है। पर्यटन विभाग अब जो योजना बनाए हुए है अगर वह धरातल पर वास्तविकता का रूप धारण कर लेती है तो भरमौर से मणिमहेश के बीच की दूरी को सिर्फ 7 मिनट में तय कर लोग इस यात्रा को पूरा कर पाएंगे।
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हर वर्ष लाखों श्रद्धालु करते हैं मणिमहेश यात्रा
मणिमहेश यात्रा की बात करे तो साल दर साल इसके प्रति लोगों में आस्था बढ़ रही है। यही वजह है कि हर साल इस यात्रा पर देश विदेश से लाखों शिव भक्त आते है। बच्चे, बुढ़े, जवान, महिला व पुरुष अपने आराध्य देव भगवान भोले नाथ में इस पावन स्थल पर स्नान करने के साथ मणिमहेश कैलाश के दर्शन करते हैं। मणिमहेश यात्रा की लोकप्रियता के चलते हिमाचल सरकार व प्रशासन इस यात्रा को सुगम बनाने के लिए कई प्रकार की व्यवस्था करने में प्रयासरत रहता है।
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