चंबा में दशहरा के अवसर पर उच्च न्यायालय के निर्देशों की अवहेलना, प्रशासन मूकदर्शक बना

audacity : Ignoring High Court orders chamba chowgan news

High Court Orders chamba : चंबा में दशहरा के मौके पर उच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना हुई। हैरानी की बात है कि इस मामले में प्रशासन मूकदर्शक बना रहा। ऐतिहासिक चंबा चौगान पूरी तरह से अस्थाई बाजार में बदल गया।

चंबा, ( विनोद ) : चंबा का ऐतिहासिक चौगान में किसी भी व्यापारिक गतिविधी को अंजाम देने से पूर्व माननीय उच्च न्यायालय से अनुमति लेना आवश्यक है, लेकिन शनिवार को बाहरी राज्यों के व्यापारियों ने वगैर अनुमति के इस काम को अंजाम देकर माननीय न्यायालय के आदेशों की अवहेलना करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

चौगान भाग एक में हर तरफ फड़ियां ही फड़ियां नजर आई। लोगों ने भी जमकर खरीदारी करके मौके का फायदा उठाया। हैरान करने वाली बात यह है कि इस पूरे मामले से चौगान की देखभाल करने का जिम्मा संभालने वाला जिला प्रशासन अंजाम बना रहा। शनिवार को दशहरा सार्वजनिक अवकाश(public holiday) होने पर बाहरी राज्यों से आए व्यापारियों ने चंबा चौगान को लेकर उच्च न्यायालय द्वारा जारी आदेशों की अवहेलना करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

सूत्रों की मानें तो चंबा के कुछ लोगों ने बड़ी चतुराई से काम लेते हुए सार्वजनिक अवकाश होने के चलते बाहरी राज्यों के व्यापारियों को चंबा बुला कर चौगान में फड़ियां लगवा कर अपनी जेबें तो गर्म कर ली लेकिन उनके इस कारनामे ने प्रशासन की मुस्तैदी की पोल खोलकर रख दी। यह बात और है कि जब सोशल मीडिया के माध्यम से यह मामला उछला तो पुलिस ने चौगान पहुंच कर कार्रवाई करने की औपचारिकता को अंजाम दिया लेकिन High Court Orders की गरिमा को बरकरार रखने में कामयाब नहीं हो पाई।

लोगों का कहना है कि इस बात से यह आभास होता है कि छुट्टी के दिन चंबा का प्रशासनिक अमला भी छुट्टी पर चला जाता है। गौर हो कि अंतरराष्ट्रीय मिंजर मेला के सफल आयोजन के लिए चौगान का व्यापारिक (commercial) गतिविधियों के लिए प्रयोग करने के लिए मिंजर मेला आयोजन समिति एवं जिला प्रशासन उच्च न्यायालय से इसकी अनुमति प्राप्त करता है।

अदालत द्वारा निर्धारित शर्तों को अमलीजामा पहनाते हुए महज चंद दिनों के लिए मिंजर में चौगान को व्यापारिक गतिविधियों के लिए प्रयोग में लाया जाता है, लेकिन दशहरा के अवसर पर चौगान पूरी तरह से लावारिस नजर आया जिस कारण उच्च न्यायालय के आदेशों की अनदेखी होती नजर आई।