कांग्रेस की एक और बुलंद आवाज हमेशा के लिए खामोश हुई

पूर्व मंत्री जीएस बाली ने AIIMS में आखिरी सांस ली

चंबा,(विनोद कुमार): कांग्रेस की एक और बुलंद आवाज हमेशा के लिए खामोश हो गई। बाली के रूप में कांग्रेस पार्टी व हिमाचल को राजनीतिक दृष्टि से एक और बहुत बड़ा नुकसान पहुंचा है। वीरभद्र सिंह के बाद अब हिमाचल के कद्दावर कांग्रेसी नेता जी.एस.बाली का निधन हो गया है। 

AIIMS में बाली ने आखिरी सांस ली

पूर्व मंत्री जीएस बाली ने बीती रात को दिल्ली के AIIMS में आखिरी सांस ली। वहां वह उपचाराधीन थे। बाली के स्वर्गवास होने की सूचना मिलते ही समूचे कांगड़ा जिला के शोक की लहर दौड़ गई है। यही नहीं प्रदेश में बाली के लाखों समर्थक व प्रशंसकों को यह समाचार बेहद दुख पहुंचाने वाला है। इसकी वजह यह है कि अपनी कार्यशैली की वजह से जीएस बाली हिमाचल के लोगों के दिलों में राज करते थे।

राजनैतिक दृष्टि से कांगड़ा का स्तंभ थे बाली

कांग्रेस की एक और बुलंद आवाज हमेशा के लिए खामोश हुई

दिवंग्त पूर्व मंत्री जीएस बाली

हिमाचल की राजनीति में कांगड़ा का अपना महत्वपूर्ण स्थान है और कांग्रेस पार्टी का लिए जी.एस.बाली यहां एक स्तंभ के समान थे। अपनी आक्रामक राजनीति के लिए पहचाने जाने वाले बाली जनता के हितों के लिए कई बार अपनी ही पार्टी के दिग्गजों के साथ भिड़ जाते थे।
प्रदेश का एचआरटीसी मंत्री बनने के बाद इस निगम को बुरे दौर से बाहर निकालने में उन्होंने सफलता हासिल की। निगम और उसके कर्मचारियों के कल्याण के लिए बाली ने कई महत्वपूर्ण व प्रभावी कदम उठाए। वह प्रदेश के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के भी मंत्री रहे। इस विभाग में भी उन्होंने कई नये व प्रभावी कदम उठाए। कांगड़ा के हितों को उठाने में वह कभी पीछे नहीं रहे।
जब भी कांगड़ा को तोड़ने की बात सामने आती तो बाली हमेशा एक चट्टान के रूप में इसके सामने आ खड़े हो जाते। यही वजह है कि कांगड़ा को उन्होंने कभी बटने नहीं दिया। कांग्रेसी मुख्यमंत्री को लेकर जब भी वीरभद्र सिंह के बाद किसी दूसरे कांग्रेसी नेता के नाम पर चर्चा होती तो बाली का नाम उसमें सबसे ऊपर रहता।
इसी से बाली के राजनैतिक कद का पता चल जाता है। हिमाचल के इस लोकप्रिय व कद्दावर नेता के जाने से कांग्रेस पार्टी व हिमाचल की राजनीति के जो स्थान खाली हुआ है उसकी शायद ही कभी भरपाई हो पाए।

सोशल मीडिया के माध्यम से बेटे ने जानकारी दी

जी.एस.बाली के बेटे रघुवीर सिंह बाली ने सोशल मीडिया के माध्यम से यह जानकारी शेयर की है। बाली के शव को दिल्ली से कांगड़ा लाया जा रहा है। उनकी अंत्येष्टि रविवार को उनके पैतृक गांव में की जाएगी।
कांग्रेस की एक और बुलंद आवाज हमेशा के लिए खामोश हुई

रघुवीर बाली द्वारा सोशल मीडिया पर डाला गया संदेश

नेताओं ने बाली को याद किया
पूर्व मंत्री व वर्तमान में डल्हौजी विधायक आशा कुमारी का कहना है कि वीरभद्र सिंह के बाद अब बाली का हमारा साथ छोड़ कर जाना निसंदेह कांग्रेस पार्टी के लिए बेहद नुकसानदायक बात है। बाली के साथ मैंने कई वर्षों तक कार्य किया। जहां तक मेरे डल्हौजी विधानसभा क्षेत्र की बात है तो बाली जब भी मंत्री बने तो मेरे विधानसभा क्षेत्र को उन्होंने कोई न कोई तोहफा जरुर दिया। उनके साथ काम करने का जो मौका मिला उसे मैं ताउम्र भुला नहीं पाउंगी।
कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता कुलदीप सिंह पठानिया का कहना है कि बाली के रूप में कांग्रेस पार्टी को जो क्षति पहुंची है उसकी भरपाई नहीं हो सकती है। बाली अपनी बेबाकी के साथ-साथ अपनी स्वच्छ व क्षेत्रवाद से ऊपर उठकर राजनीति करने के लिए हमेशा जाने जाते रहेंगे।
चुराह के पूर्व विधायक सुरेंद्र भारद्वाज ने कहा कि जीएस बाली मेरे के लिए बड़े भाई की तरह थे। उनका हमेशा मेरे लिए प्यार बना रहा। इसमें कोई दोराय नहीं है कि बाली के जाने से कांग्रेस पार्टी को बहुत बड़ा नुक्सान पहुंचा है। बाली को हमेशा उनके कार्यों के लिए याद किया जाता रहेगा।
सदर विधायक पवन नैयर ने बाली को याद करते हुए कहा कि उनके साथ मिलकर काम करने का जो समय मिला उसे वह कभी भूला नहीं सकते है। वह दिवंगत आत्मा की शांति के साथ ही उनके परिवार को इस दुख को सहने की हिम्मत देने की भगवान से प्रार्थना करते है।
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