एंबुलैंस चालकों की उपायुक्त से शिकायत कर जांच करने की मांग की
चंबा, 3 सितंबर (विनोद): चंबा जिला की गरीब जनता को कुछ एंबुलैंस चालक आर्थिक रूप से परेशान कर रहें हैं तो वहीं 108 में ले जाते समय अगर बीच रास्ते में रोगी की मौत हो जाए तो उसे बीच रास्ते में ही नीचे उतार दिया जाता है। ऐसे में जिला प्रशासन इस पूरे मामले की जांच करे और इस प्रकार की कार्यशैली को अंजाम देने वाले एंबुलैंस चालकों व संबन्धित संचालकों के खिलाफ कड़ी करे।
sc/st विकास निगम के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं प्रदेश भाजपा सचिव जय सिंह ने शुक्रवार को उपायुक्त चंबा डी.सी.राणा से मुलाकात कर यह बात कही। जय सिंह ने कहा कि कुछ लोगों ने उनके पास इस संदर्भ में शिकायतें की हैं। उन्होंने कहा कि चंबा से हर दिन चार से पांच रोगियों को उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज टांडा रैफर किया जाता है।
इस स्थिति के 108 ही प्रभावित परिवार का सहारा होता है लेकिन बेहद अफसोस की बात है कि एंबुलैंस में ले जाते समय अगर बीच रास्ते में रोगी की मौत हो गई तो शव को यह कह कर उतार दिया जाता है कि कंपनी ने शव को न ले जाने की हिदायत जारी कर रखी है।
भाजपा नेता ने कहा कि यह बेहद अमानवीय व गंभीर मामला है। एक तो प्रभावित परिवार मानसिक रूप से बेहद परेशान होता है और ऊपर से 108 एंबुलैंस वालों की यह हरकत उन्हें और भी परेशानी में डालने का काम करती है।
उन्होंने उपायुक्त से आग्रह किया मेडिकल कॉलेज अस्पताल चंबा के सभी सार्वजनिक स्थलों पर चंबा से टांडा व चंबा से आई.जी.एम.सी. रैफर किए जाने वाले रोगियों को विभिन्न संस्थानों के माध्यम से चलाई जा रही एंबुलैंसों के निर्धारित किरायों के बारे में सूचना लगाई जाए ताकि कोई भी लोगों से निर्धारित पैसे से अधिक न वसूल सके।
उपायुक्त चंबा D.C. राणा ने कहा कि चूंकि अब यह मामला उनके ध्यान में लाया गया है तो इस दिशा में शीघ्र प्रभावी कदम उठाए जाएंगे।