हालात बिगड़े तो स्कूलों को फिर से बंद किया जा सकता-cm

सरकार हालात पर पूरी नजर बनाए हुए है- जयराम ठाकुर

चंबा की आवाज, अगर हालात बिगड़े तो स्कूलों को फिर से बंद करने का निर्णय लिया जा सकता है लेकिन वर्तमान हालात में स्कूलों को दोबारा से बंद करने का निर्णय जल्दबाजी में लिया गया निर्णय हो सकता है। इसलिए फिलहाल ऐसे किसी निर्णय पर सरकार विचार नहीं कर रही है। प्रदेश मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मंगलवार शाम को पत्रकारों को संबोधित करते हुए यह बात कही।
जयराम ठाकुर ने कहा कि बहुत लंबे अंतराल के बाद स्कूल खुले हैं। स्कूलों को चरणबद्ध तरीके से खोला गया है। इसलिए तुरंत ही स्कूलों को दोबारा बंद करना जल्दबाजी होगी। जिस तरफ से प्रदेश में कोविड के नये मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है उसके चलते स्कूलों के साथ-साथ नई कोविड पाबंदियों को लेकर कई तरह की चर्चाएं गर्माई हुई हैं लेकिन मुख्यमंत्री के इस बयान से इन पर लगभग विराम लग गया है।
cm जयराम ठाकुर पत्रकारों को संबोधित करते हुए।

ताजा हालातों को लेकर cm जयराम ठाकुर पत्रकारों को संबोधित करते हुए।

मंगलवार शाम को शिमला में मीडिया से बातचीत के दौरान सीएम ने इस मामले में स्पष्ट किया कि स्कूल बंद नहीं होंगे हालांकि शिक्षा विभाग से स्कूलों में छात्रों के संक्रमित होने का पूरा रिकॉर्ड मांगा गया है तो साथ ही हालातों पर पूरी नजर बनाए हुए है।

खबरों में फोटो चलवाने के लिए वॉकआउट किया

स्वास्थ्य मंत्री के जवाब से असंतुष्ट होकर विपक्ष द्वारा सदन से वॉकआउट करने के मामले पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा वे भले ही सरकार के काम की तारीफ न करें, लेकिन कोरोना महामारी से निपटने की एक सार्थक चर्चा करें।
सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि अगर विपक्ष कोरोना महामारी से निपटने के लिए कुछ सुझाव देते तो यह हिमाचल के लिए बेहतर होता। cm जयराम ठाकुर ने विपक्षी विधायकों के वॉकआउट को पब्लिसिटी स्टंट करार दिया है। जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेसी विधायक सिर्फ अपनी फोटो खबरों में चलाने के लिए वॉकआउट करते हैं।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री कोरोना से जुड़ी बातों को सदन के पटल पर रख रहे थे। तभी विपक्षी विधायक सदन को छोड़कर चले गए। सीएम जयराम ने कहा कि कोरोना सदी की सबसे बड़ी संकट है। इससे मिलकर लड़ना होगा। सीएम ने कहा कि हिमाचल में कोरोना के दूसरी लहर में जितना भी किया जा सकता था। सरकार द्वारा उतना किया गया।
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              डल्हौजी के लचौड़ी को यह तोहफा मिलने की उम्मीद जगी।

 

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