धर्मशाला में चंबा से गए कांग्रेसियों के साथ बैठक में महाजन ने यह शर्त रखी
चंबा, 6 जुलाई (विनोद): मंगलवार को जिला चंबा की राजनीति में एक दम से तेज लहर दौड़ गई। वजह यह थी कि थी एकाएक से सोशल मीडिया पर पूर्व मंत्री व चंबा के लोकप्रिय नेता हर्ष महाजन की वापसी के संदेश वायरल होने लगें।
इन संदेशों ने जहां कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के मुरझाए व डरे हुए चेहरों पर रोनक के साथ आत्म विश्वास पैदा करने का काम किया तो वहीं विपक्ष को कुछ देर के लिए एक दम से सन्न होने के लिए मजबूर कर दिया।
हालांकि इस संदेशों की वास्ताविकता जानने के लिए जब चंबा की आवाज ने अपने स्तर पर छानबीन शुरू की तो यह पाया कि मंगलवार को प्रदेश विधानसभा के उपचुनावों व एक संसदीय सीट के लिए होने वाले उपचुनाव के लिए धर्मशाला में कांग्रेस की आयोजित बैठक में चंबा से भाग लेने गए थे।
कांग्रेसियों ने जब वहां बैठक में भाग लेने आए पूर्व मंत्री हर्ष महाजन से अलग से बैठक कर चंबा की राजनीति को लेकर चर्चा की तो साथ ही उन्हें 15 साल के बाद फिर से वापिस लौटकर चुनाव में उतरने की बात की।
इन कांग्रेसियों ने चंबा के प्रत्येक कांग्रेसी के दर्द को उनके समक्ष रखा तो महाजन के मुंह से जो शब्द निकले उन्होंने एक दम से कमरे में कुछ पलों के लिए सन्नाटा पैदा कर दिया।
सूत्रों ने बताया कि पहले तो कमरे में मौजूदी सभी कांग्रेसियों को अपने कानों पर विश्वास नहीं हुआ तो फिर एक-दूसरे को पूछने लगे की मैने जो सुना क्या तुने भी वहीं सुना।
यह सवाल इसलिए पैदा हुआ क्योंकि इन कांग्रेसियों को यह विश्वास नहीं हो रहा था कि उन्होंने फिर से चुनाव में लड़ने की हामी भरी है।
कुछ देर के बाद जब सभी को अपने कानों पर विश्वास हुआ तो उन्होंने राहत की सांस ली। हुआ यूं कि महाजन ने इन कांग्रेसी कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों के आग्रह करने पर कहा कि वह इस बार चुनाव लड़ सकते है लेकिन शर्त यह रहेगी कि जीत को सुनिश्चित बनाने के लिए पार्टी के प्रत्येक कार्यकर्ता को खूब मेहनत करनी होगी।
इतना कहने की देरी थी कि कमरे में मौजूद सभी कांग्रेसियों ने कहां कि पूरा चंबा आपके साथ है।
इस पूरे मामले में सबसे चौकाने वाली बात यह है कि 15 वर्ष पहले चुनावी मैदान को छोड़ चुके हर्ष महाजन के समक्ष कई बार चंबा के कांग्रेसी कार्यकर्ताओं व नेताओं ने चुनाव लड़ने का प्रस्ताव रखा लेकिन हर बार हर्ष महाजन उसे नाकारते रहें।
यहां तक की पिछले विधानसभा चुनावों में तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने भी हर्ष महाजन के चुनाव लड़ने के सवाल में कहा था कि वह दिल से चाहते हैं कि हर्ष महाजन चुनाव लड़े लेकिन वह इसके लिए तैयार नहीं है।
जिला की राजनीति की धूरी
हर्ष महाजन ने प्रदेश की राजनीति में अपने कद को इस कदर बड़ा किया है कि उसे प्रदेश के दिग्गज नेताओं की सूची में जगह प्राप्त है। यही नहीं महाजन को चंबा की राजनीति की धूरी माना जाता है। इस बात के प्रमाण कई बार मिल चुके हैं।
जब मौजूदा भाजपा विधायक चंबा पवन नैयर कांग्रेस पार्टी के नेता थे तो उस दौरान विधानसभा चुनावों की तैयारी को लेकर तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुशील कुमार शिंदे व उप प्रभारी रंजीता रंजन की अगुवाई में बैठक हुई थी।
बचत भवन में कांग्रेस पार्टी की बैठक में तत्कालीन कांग्रेसी नेता पवन नैयर ने अपने संबोधन में साफ कहा था कि अगर हर्ष महाजन चंबा से चुनाव लड़ना चाहते हैं तो वह स्वयं उनके लिए सीट छोड़ने को तैयार है।
यह बात ओर है कि समय की धारा में क्या बहता है कोई कुछ नहीं बता सकता है। क्योंकि उसी पवन नैयर ने जब भाजपा की टिकट से चुनाव लड़ा तो कांग्रेस से चंबा के प्रत्याशी को जीत दिलाने के लिए इस नेता ने चंबा में धुआंधार प्रचार किया था लेकिन कांग्रेस को जीत हासिल नहीं हुई।
कांग्रेस में आएगी एक जुटता
वर्तमान स्थिति में भले कांग्रेस पार्टी में सामने से सब कुछ ठीक नजर आए लेकिन यह बात कई बार जगजाहिर हो चुकी है कि पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के भीतर चंबा में जो गुटबाजी पैदा हुई थी, आज भी वह जारी है।
यही वजह है कि आज भी जब चंबा से कांग्रेस पार्टी का प्रत्याशी बनने के लिए कई लोग सामने आकर खड़े हो जाते हैं। इस स्थिति में यही एक ऐसा नाम है जिसके चंबा से चुनाव लड़ने की घोषणा होने मात्र से यह गुटबाजी की चिंगारी पूरी तरह से शांत हो जाएगी।
इस पूरे मामले के बारे में जब चंबा की आवाज ने हर्ष महाजन से बात करनी चाही तो कई बार फोन करने के बाजवूद भी उन्होंने फोन नहीं उठाया।
इसकी वजह चाहे जो भी हो लेकिन मंगलवार को सोशल मीडिया में महाजन के सिपहसालारों ने जो पोस्टें शेयर की हैं वें काफी कुछ ब्यान करती है।
देखना होगा कि अब यह दिग्गज चंबा वासियों के समक्ष कब 15 वर्ष बाद चुनावी मैदान में उतरने की घोषणा करते है।
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