जनजातीय क्षेत्र के लोगों की आर्थिक समृद्धि का आधार बनेगे वन उत्पाद

भरमौर व पांगी क्षेत्र में विक्रय केंद्र खुलेंगे- डीसी राणा

उपायुक्त चंबा ने जिला स्तरीय वन धन योजना समिति की बैठक में वन निगम व वन विभाग के अधिकारियों के साथ वर्चुअल मीटिंग

 

चंबा 15 जून (रेखा शर्मा): जिला के जनजातीय क्षेत्रों के वन उत्पादों के मूल्य संवर्धन हेतु भरमौर व पांगी उपमंडल में विक्रय केंद्र खोले जाएंगे।
इन विक्रय केंद्रों में लघु वन उपज को जनजातीय क्षेत्रों के लोग उचित मूल्यों के साथ बेच सकेंगे।
उपायुक्त चंबा डीसी राणा ने जिला स्तरीय वन धन योजना समिति की बैठक में वन निगम व वन विभाग के अधिकारियों के साथ वर्चुअल मीटिंग के उपरांत जानकारी देते हुए यह बात कही।
उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों के वनों में प्राकृतिक तौर पर पैदा होने वाले वन उत्पादों को स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से विक्रय केंद्रों में उपलब्ध करवाया जाएगा।
इस योजना को क्रियान्वित करने के लिए आवासीय आयुक्त पांगी व अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी भरमौर की निगरानी में वन विभाग व वन निगम के अधिकारी स्थानीय स्तर पर वन धन विकास कार्यक्रम के तहत 15 के करीब स्वयं सहायता समूहों का गठन कर लघु वन उपज(माइनर फॉरेस्ट प्रोड्यूस) को बेहतरीन बिजनेस प्रपोजल, पैकिंग, वैल्यू एडिशन, ब्रांडिंग व मार्केटिंग के लिए ट्राईबल कोऑपरेटिव मार्केटिंग गवर्नमेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (ट्राई फेड)द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा।
इन उत्पादों को नई पहचान के साथ बेहतर बाजार व्यवस्था भी उपलब्ध करवाई जाएगी। उपायुक्त ने बताया की चंबा आकांक्षी जिला कर सूची में शामिल है।
लिहाजा मिनिस्ट्री आफ ट्राईबल अफेयर्स द्वारा इन क्षेत्रों के वनो में पाए जाने वाले उत्पाद जंगली शहद, गुच्छी,अखरोट, धूप,मीठी पतीश,काला जीरा, ठाँगी व अन्य वन उत्पादों को भी शामिल कर वन उत्पाद आश्रित लोगों की आर्थिकी को मजबूती प्रदान करने के लिए इस योजना को ट्राई फेड के माध्यम से संचालित कर रहा है।
जो इन लोगों के वन उत्पादों को बेहतरीन मूल्य उपलब्ध करवाकर इन लोगों की आर्थिक स्थिति को और अधिक मजबूत बनाने में सहायक सिद्ध होगा।
उपायुक्त चंबा डीसी राणा ने आवासीय आयुक्त पांगी व अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी भरमौर को इस कार्य योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए आवश्यक दिशा निर्देश भी जारी किए।

 

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