joint raid in Chamba : जिला चंबा में ड्रग लाईसेंस की आड़ में नशीली व प्रतिबन्धित दवाओं की ब्रिकी करने वालों के खिलाफ बड़ी कार्यवाही की गई। पहली बार ड्रग्स कंट्रोल एडमिनिस्ट्रेशन, पुलिस व सीआईडी के एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने मेडिकल दुकानों व तीन सरकारी अस्पताल में joint raid करी जिसमें चौंकाने वाले खुलासे हुए।
चंबा, ( विनोद ): जिला चंबा में नशीली व प्रतिबन्धित दवाओं का कारोबार को रोकने के लिए बीते एक सप्ताह की गई इस कार्रवाई में 15 निजी व तीन सरकारी अस्पतालों की दवा दुकानों पर मादक दवाओं और आदत बनाने वाली दवाओं की बिक्री और खरीद के सत्यापन के लिए छापेमारी की थी, जिसमें नशीली दवाओं और आदत बनाने वाली दवाओं का भारी स्टॉक जब्त किया गया।
टीम ने मादक दवाओं से संबंधित खरीद बिल, बिक्री बिल, अनुसूची एच 1 रजिस्टर और अन्य रिकॉर्ड कब्जे में ले लिए। टीम ने जिला चंबा में narcotic drugs की बिक्री के संबंध में अन्य जिलों से भी जानकारी हासिल की थी। इसके अलावा टीम अन्य जिलों और मूल राज्यों से डेटा और बिलों का सत्यापन कर रही है। 19 मेडिकल स्टोरों में से लगभग 30000 सत्यापन के अधीन हैं।
पिछले 18 महीनों में मादक और आदत बनाने वाली दवाओं की लगभग 2 लाख गोलियां बिना उचित रिकॉर्ड के बेची गईं और मरीजों का सत्यापन जारी है। CID, एएनटीएफ और ड्रग्स कंट्रोल एडमिनिस्ट्रेशन और पुलिस ने आदत बनाने वाली दवाओं की कुछ दोहराई गई पर्चियां बरामद की हैं, जो संदिग्ध पाई गई हैं और ऐसे रिकॉर्ड की भी टीम द्वारा जांच की जा रही है।
10 से अधिक मेडिकल स्टोरों को शेष रिकॉर्ड प्रस्तुत करने के लिए नोटिस जारी किए गए हैं, ऐसा न करने पर उन अपराधियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की जा सकती है जो पूरा रिकॉर्ड प्रस्तुत नहीं करेंगे। इसके अलावा पुलिस को जिला चंबा के नाका/चेकपॉइंट/प्रवेश बिंदुओं पर जिला चंबा में ड्रग्स ले जाने वाले प्रत्येक वाहन की जांच करने और drugs control प्रशासन के साथ जानकारी साझा करने के लिए भी कहा गया था।
टीम नशीली दवाओं के आदी लोगों के बारे में भी जानकारी जुटा रही है, जो फर्जी नुस्खों(fake prescriptions) पर अवैध बिक्री के कारण आदी हो गए थे। सभी सत्यापन कार्यवाही आगे के निर्देशों के लिए सीआईडी मुख्यालय और ड्रग्स कंट्रोल एडमिनिस्ट्रेशन मुख्यालय को भेजी जाएगी।
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यह तीन अलग-अलग विभागों द्वारा संयुक्त रूप से की गई पहली छापेमारी है, जो आदत बनाने वाली दवाओं के खतरे को रोकने के लिए एक संयुक्त अभ्यास के रूप में की गई है। आदत बनाने वाली दवाओं की अवैध बिक्री में शामिल मेडिकल स्टोर की पहचान के बाद आगे की छापेमारी की भी योजना बनाई गई है।
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