HP MDM PORTAL : जिला चंबा में मिड डे मील व्यवस्था को लेकर बड़ा सवाल पैदा हुआ है। इसका कारण ज्यादातर स्कूलों द्वारा इसके बारे में उपनिदेशायलय को जानकारी नहीं देना है। इस बात को विभाग ने गंभीरता से लिया है।
चंबा, ( विनोद ): प्राईमरी स्कूलों में हर दिन परोसे जाना वाला मिडडे मील(mid day meal) को लेकर जिला चंबा के सरकारी स्कूल इस तरह लापरवाही दिखा रहे हैं कि विभाग के आदेशों के बावजूद महज 15 प्रतिशत स्कूल ही विभाग को जानकारी दे रहे है। हैरान करने वाली बात है कि प्रारंभिक शिक्षा विभाग(education Department) ने यह निर्देश जारी किए हुए हैं कि हर दिन मीड डे मिल रिपोर्ट(MDM HP daily Report) पोर्टल के माध्यम से स्कूल विभाग को देंगे। विभाग के आदेशों पर शुरुआत में तो स्कूलों ने गंभीरता दिखाते हुए इस कार्य को बखूबी अंजाम दिया।
फलस्वरूप जिला चंबा के करीब 90 प्रतिशत स्कूल प्रारंभिक शिक्षा उप निदेशालय चंबा को एमडीएम पोर्टल(mdm portal) के माध्यम से जानकारी भेजते थे लेकिन धीरे-धीरे स्कूलों ने जानकारी भेजना बंद कर दिया। यही वजह है कि अब जानकारी भेजने वालों का आंकड़ा महज 15 प्रतिशत रह गया है। कार्यवाहक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी के सहारे चल रहा यह विभाग अब अपनी इस गिरावट के प्रतिशत को बढ़ाने की तैयारी में जुट गया है।
विभाग ऐसे स्कूलों से जवाबदेही(responsibility) करने जा रहा है जो स्कूल मिड डे मील बारे जानकारी नहीं भेज रहे है। विभाग की माने तो जो स्कूल इसके बाद भी इस जानकारी को कार्यालय के साथ साझा करने में रूचि नहीं दिखाएंगे तो विभाग नोटिस जारी(notice issued) करेगा। विभाग की माने तो जो भी स्कूल इस मामले के प्रति कोताही या फिर गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाए रखता तो उक्त अधिकारी को न सिर्फ कारण बताओ नोटिस(Show cause notice) जारी करेगा बल्कि उच्च स्तर पर भी शिकायत की जाएगी।
जानकारी के अनुसार जिला चंबा में करीब 1647 स्कूल हैं। इनमें रोजाना मिड-डे मील परोसा जाता है। वर्तमान में 1447 स्कूलों से कोई रिपोर्ट नहीं आ रही है। मात्र 15 प्रतिशत स्कूल ही प्रतिदिन मिड-डे मील की रिपोर्ट भेज रहे हैं। गौरतलब है कि सरकार की ओर से नियमित रिपोर्ट भेजने की व्यवस्था रखी है, मगर स्कूलों की ओर से निर्देशों को हल्के में लिया जा रहा है।
क्या कहना है कार्यवाहक उपनिदेशक का
कार्यवाहक प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक चंबा ज्ञान चंद ने स्वीकारा कि मिड-डे मील की रिपोर्टिंग प्रतिशत काफी कम है। ऐसे स्कूल प्रभारियों पर शिकंजा कसा जाएगा। उन्होंने कहा कि इस बारे चेतावनी दी जाएगी। साथ ही अगर प्रतिशत में बढ़ोतरी न हुई तो कारण बताओ नोटिस भी जारी किए जाएंगे।