snow Leopard hp : हिम तेंदुए की संख्या वालों राज्यों में हिमाचल थर्ड रहा। नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड में इस बात का खुलासा हुआ है। भारत में हिम तेंदुए की आबादी 718 है।
दिल्ली, ( ब्यूरो ): भारत के 7 राज्यों में स्नो लेपर्ड(snow Leopard)) पाए गए हैं। इनमें राज्यों की सूची में हिमाचल का नाम आना अपने आप में बड़ी बात है और इस पर सोने पर सुहागा यह है कि भारत में जिन राज्यों से सबसे अधिक हिम तेंदुए पाए गए हैं उनकी संख्या के आधार पर हिमाचल तीसरे स्थान पर है।
इस प्रोग्राम को सभी हिम तेंदुआ रेंज वाले राज्यों दो संरक्षण भागीदारों-नेचर कंजर्वेशन फाउंडेशन मैसूर और डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-इंडिया के सहयोग से किया गया था। भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) हिम तेंदुए की आबादी के लिए नेशनल कोऑर्डिनेटर है।
इस कार्यक्रम के तहत एसपीएआई ने देश में संभावित हिम तेंदुए की 70 फीसदी से अधिक रेंज को कवर किया जिसमें वन और वन्यजीव कर्मचारी, शोधकर्ता, स्वयंसेवकों का योगदान शामिल रहा।
सर्वेक्षण 2 चरणों में चलाया गया
हिम तेंदुए की संख्या का पता लगाने के लिए केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख तथा जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्यों सहित ट्रांस हिमालय इलाकों के करीब 107594 किलोमीटर क्षेत्र को शामिल किया गया। यह सर्वेक्षण कार्यक्रम वर्ष 2019 से 2023 तक दो चरणों में चला।
सर्वेक्षण के लिए 1971 स्थानों पर कैमरे लगाए
एसपीएआई की तरफ से हिम तेंदुए के संकेतों को रिकॉर्ड करने के लिए 13 हजार450 किलोमीटर के क्षेत्र का सेर्वक्ष्ज्ञण किया गया। 1971 स्थानों पर कैमरा ट्रैप लगाए गए थे। इसमें माध्यम से हिम तेंदुए का निवास 93 हजार 392 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में दर्ज किया गया। इस दौरान 241 बेहतरीन हिम तेंदुओं की तस्वीरें खींची गई।
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2016 से पूर्व शोध पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया
एसपीअआई के डेटा विश्लेषण के आधार पर विभिन्न राज्यों में इनकी अनुमानित संख्या पर नजर दौड़ाए तो लद्दाख में 477, उत्तराखंड प्रदेश में 124, हिमाचल प्रदेश में 51, अरुणाचल प्रदेश में 36, सिक्किम में 21 और जम्मू तथा कश्मीर में बर्फीला तेंदुआ की संख्या महज 9 है। 2016 से पूर्व इनकी रेंज के करीब एक तिहाई क्षेत्र पर शोध में सबसे कम ध्यान दिया गया जिस वजह से लद्दाख, जम्मू एवं कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे इलाकों में इलाकों में कम होकर महज 5 प्रतिशत रह गया था।
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