विधानसभा उपाध्यक्ष हंसराज ने अब वन मंडल चुराह को सलूणी से शिफ्ट करने की बात कही

डी.एस.पी.कार्यालय पर यूटर्न लेते हुए चुराह को वन मंडल दिलाने की बात कही

हंसराज की इस बात को लेकर सभी की निगाहें चुराह पर टिकी

चम्बा, 27 अप्रैल (विनोद): चुराह विधायक एवं प्रदेश विधानसभा उपाध्यक्ष डा. हंसराज अपने बेवाकी के लिए जाने जाते है। अपने विधानसभा क्षेत्र के विकास को लेकर दिन-रात प्रयासरत रहने वाले चुराह के यह विधायक अब चुराह को उसके अधिकारों को दिलाने में लिए अटैकिंग मूड में नजर आ रहें हैं। भले ही उन्होंने एस.डी.पी.ओ. कार्यालय सलूणी को चुराह में शिफ्ट करने की अपनी बात से यूटर्न ले लिया हो लेकिन उन्होंने यह बात साफ कर दी है कि अब वह चुराह के अधिकारों और उसके नाम पर दूसरे विधानसभा क्षेत्रों में चल रहें कार्यालयों को चुराह में लाया जाएगा। सोमवार को अपने चम्बा दौरे के दौरान उन्होंने एक साक्षात्कार में कहां कि एस.डी.पी.ओ.कार्यालय वहीं खुलता है जहां पर सब-कोर्ट होती है वहां यह कार्यालय होता है, लेकिन कोविड़ की मौजूदा स्थिति और बीते दिनों चुराह में घटी एक घटना के बाद पैदा हुए तनाव के माहौल को देखते हुए यह बात की गई थी लेकिन इतना जरुर है कि चुराह के नाम पर कई कार्यालय चुराह घाटी से बाहर दूसरे विधानसभा क्षेत्र में चले हुए है। जिसमें वन मंडलाधिकारी चुराह कार्यालय भी शामिल है। उन्होंने कहा कि सरकार अगर चुराह को नया वन मंडल कार्यालय दे देती है तो ठीक है वरना वह तो शिफ्ट करना ही पड़ेगा। इसमें कोई दोराय नहीं है कि चुराह पिछले कई वर्षों से अपने वन मंडल कार्यालय को प्राप्त करने की मांग करता चला आ रहा है लेकिन उसके नाम पर सलूणी उपमंडल जो कि डल्हौजी विधानसभा क्षेत्र के दायरे में आता है में चल रहा है। चम्बा में डल्हौजी ही एकमात्र ऐसा विधानसभा क्षेत्र है जहां दो डी.एफ‍.ओ. कार्यालय है। इसी वजह से चुराह का नाम होने के बावजूद आज तक चुराह को अपना वन मंडलाधिकारी नहीं मिला है। इस वजह से चुराह के लोगों को वन विभाग से संबन्धित अपने कार्यों को करवाने के लिए करीब 100 किलोमीटर की दूरी तय करके सलूणी जाना पड़ता है। देखना होगा कि हंसराज की इस बात का चुराह किस तरह से समर्थन करता है। कही ऐसा न हो कि एस.डी.पी.ओ. कार्यालय की तरह इस मामले में भी वह अकेले पड़ जाए।