सरकारी व्यवस्था का यह आलम, एक मृतक अध्यापकों को चुनाव अधिकारी बनाया तो एक मृतक अध्यापक को दी प्रमोशन

प्रदेश में दो अजीब मामले सामने आए, जिसे भी पता चला वह हैरान हो जाए

चम्बा की आवाज, प्रदेश में अपनी तरह के दो मामले सामने आए हैं जिनके बारे में लोगों को जब पता चला तो सब हैरान होकर कर रह गए। यहीं नहीं इन मामलों ने सरकारी व्यवस्था की भी पोल खोलकर रख दी है। जानकारी अनुसार जिला कांगड़ा के धर्मशाला में एक मृत शिक्षक को पोलिंग अधिकारी बना दिया गया है तो वहीं सिरमौर में एक मृत शिक्षक को पदोन्नति दे दी गई है। इन दिनों प्रदेश के नगर निगमों के चुनाव होने जा रहे हैं। इन चुनावों को सही ढंग से अमलीजामा पहनाने के लिए अध्यापकों की डियूटी लगाई गई है। डियूटी की इस सूची में एक ऐसे अध्यापक का नाम भी शामिल है जिसका स्वर्गवास हो चुका है। इसमें कोई दोराय नहीं है कि यह अपने आप में सरकारी व्यवस्था की बहुत बड़ी लापरवाही का मामला है। देखना होगा कि इस पर संबन्धित विभाग क्या कार्रवाई अमल में लाता है। दूसरा मामला प्रदेश के सिरमौर जिला के शिक्षा विभाग से संबन्धित है। इस जिला के कफोटा स्कूल के रिक्त चल रहें प्रधानाचार्य के पद को भरने के लिए एक अध्यापक को पदोन्नत कर उसे वहां का प्रधानाचार्य बना कर नियुक्त करने के आदेश जारी कर दिए जिस अध्यापक की करीब डेढ़ वर्ष पहले मृत्यु हो चुकी है। इन दोनों मामलों में जहां सरकारी व्यवस्था की पोल खुल गई तो साथ ही संबन्धित परिवारों को भावनात्मक दृष्टि से ठेस पहुंचाने का काम किया है।