अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर उपायुक्त चम्बा बाले समाम में कुछ बदलाव तो हुए फिर भी कुछ सामाजिक बुराइयां किसी न किसी रूप में आज भी मौजूद
चंबा, 8 मार्च(रेखा): अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर सोमवार को जिला मुख्यालय स्थित जनजातीय भवन के सभागार में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता उपायुक्त डीसी राणा ने की। उपायुक्त ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि आर्थिक आजादी से महिला सशक्तिकरण को नए आयाम मिलेंगे। महिलाएं अपना कौशल विकास करके भी स्वावलंबन की ओर अग्रसर हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि 50 फ़ीसदी आबादी महिलाओं की है, ऐसे में आधी आबादी का आर्थिक और सामाजिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण स्थान है। उन्होंने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं में भी 50 फ़ीसदी आरक्षण महिलाओं को दिया गया है ताकि वे लोकतंत्र की इस महत्वपूर्ण इकाई में ना केवल महिला वर्ग का प्रतिनिधित्व करें बल्कि अपने क्षेत्र के विकास को भी सुनिश्चित बना सकें। उन्होंने कहा कि हालांकि समाज में कुछ बदलाव तो हुए फिर भी कुछ सामाजिक बुराइयां किसी न किसी रूप में आज भी मौजूद हैं। घरेलू हिंसा, भ्रूण हत्या और दहेज को लेकर कानून में प्रावधान किए गए हैं। लेकिन मात्र कानून से ही इन बुराइयों का अंत नहीं किया जा सकता। समाज में विशेषकर महिलाओं में जागरूकता और जनचेतना से ही हम बेहतर समाज का निर्माण कर सकते हैं। वर्तमान परिदृश्य में आज कोई भी ऐसा क्षेत्र नहीं है जिसमें महिलाओं की मौजूदगी नहीं है। चुनौतियों से भरे कार्यक्षेत्र में भी अब महिलाओं का दखल देखने को मिलता है। उपायुक्त ने विशेषकर शहरी क्षेत्रों में लिंगानुपात में देखी जा रही कमी पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि समाज को बेटा-बेटी में अंतर रखने की मानसिकता को भी बदलना होगा।
कार्यक्रम में उपायुक्त की धर्मपत्नी सुनीता राणा भी विशेष तौर पर मौजूद रहीं। इसके अलावा जिला परिषद अध्यक्ष नीलम कुमारी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रमन शर्मा, भू अर्जन अधिकारी रम्या चौहान, जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ अनिल गर्ग, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र चंद्रभूषण, जिला रोजगार अधिकारी अरविंद चौहान, अध्यक्ष बाल कल्याण समिति अंजना कुमारी, डॉ चंदन वर्मा, भाजपा महिला मोर्चा अध्यक्ष कांता ठाकुर, सचिव जिला रेड क्रॉस सोसाइटी नीना सहगल व अन्य विभागीय अधिकारी भी शामिल रहे।
उपायुक्त ने कहा कि महिला के अस्तित्व के बिना मानव जाति की कल्पना भी नहीं की जा सकती। महिला ही समाज की जननी है। उपायुक्त ने चंबा जिला में कुपोषण की समस्या के समाधान को सुनिश्चित करने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि पोषण अभियान के बावजूद यदि पोषण का अपेक्षित लाभ नहीं मिल रहा है तो इस दिशा में गंभीर प्रयास करने की आवश्यकता है। इसके लिए निगरानी की व्यवस्था को और सुदृढ़ करने की दिशा में कदम उठाए जाएं। उपायुक्त ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का उद्धरण करते हुए कहा कि महात्मा गांधी कहा था कि समाज में बदलाव लाने के लिए खुद में बदलाव से शुरुआत की जाए। उन्होंने कहा कि चंबा जिला आकांक्षी जिला है और यहां की महिलाओं के आर्थिक सुदृढ़ीकरण और बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य पर विशेष फोकस किया जाए तभी आने वाले समय में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे।
उपायुक्त ने इस मौके पर उत्कृष्ट कार्य करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और स्वयं सहायता समूहों को पुरस्कृत किया और महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।
इससे पूर्व दीप प्रज्वलित करके उपायुक्त ने महिला दिवस पर आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ किया। जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास जगदीश राणा ने उपायुक्त को महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से सम्मानित किया। कार्यक्रम के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने गीत व नृत्य पर आधारित बेहतरीन सांस्कृतिक प्रस्तुतियां पेश कीं जिनमें घरेलू हिंसा और पोषण को लेकर संदेश देने वाली एक लघु नाटिका भी शामिल रही।