भांग की खेती को उत्तराखंड की तर्ज पर मिल सकती है कानूनी मान्यता
सत्ता पक्ष के विधायकों की मांग पर मुख्यमंत्री ने विचार करने की बात कही
चम्बा, 5 मार्च(विनोद): एक तरफ पुलिस ने चरस माफिया के खिलाफ पूरे प्रदेश में अभियान छेड़ रखा है तो वहीं दूसरी तरफ सरकार भांग की खेती को कानून मान्यता देने पर विचार कर रही है। सरकार अगर ऐसा करती है तो हिमाचल में भांग की खेती करना गैरकानूनी नहीं रहेगा तो साथ ही उत्तराखंड की तरह यहां के लोग भी अपने खेतों में भांग उगाकर मोटी कमाई करने में कामयाब हो सकेंगे। शुक्रवार को सत्तादल के विधायक रमेश धवाला की तरफ से संकल्प में चर्चा के लिए यह मामला रखा। उन्होंने उत्तराखंड की तर्ज पर प्रदेश में नशा रहित भांग की खेती को कानून मान्यता देने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ऐसा करती है तो प्रदेश की आर्थिकी को इससे मजबूती मिलेगी। कुल्लू जिला के बंजार विधायक सुरेंद्र शौरी ने कहा कि भांग से दवाई के साथ-साथ रेशे व बीज भी काम आते हैं। ऐसे में सरकार अगर नशा रहित भांग की खेती को लीगल करती है तो इससे प्रदेश के बेरोजगारों को रोजगार के नये अवसर मिलेंगे। इस विषय पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि भांग की खेती को लीगल करने के लिए जरूरी मापदंडों का अध्यय करना बेहद जरुरी है।उन्होंने कहा कि सदस्यों की तरह से जो सुझाव आए हैं उनसे जुडे़ सभी पहलुओं काे मद्देनजर रखते हुए भांग की खेती को कानूनी मान्यता देने पर विचार किया जाएगा।
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