चम्बा काॅलेज में चल रही प्राध्यापकों की कमी को लेकर कांग्रेस ने भाजपा का हल्ला बोला
चम्बा, 26 फरवरी (विनोद): प्रदेश के पिछड़े जिला चम्बा को शिक्षा के क्षेत्र में भी सबसे पिछड़ा बनाने का राज्य की भाजपा सरकार ने शायद निर्णय ले रखा है। इसका प्रमाण जिला चम्बा का सबसे पुराना राजकीय पोस्ट ग्रेजुएक काॅलेज है। यहां शिक्षा ग्रहण करने वाले युवाओं को प्रयाप्त संख्या में प्राध्यापक मुहैया करवाने में पूरी तरह से नाकाम रही सरकार ने यहां तैनात प्राध्यापकों के सिर पर जिला में अन्य काॅलेजों को चलाए हुए है। ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष चम्बा करतार सिंह ठाकुर ने जारी अपने ब्यान में यह बात कही। उन्होंने कहा कि बेहद खेद को विषय है कि इस जिला को विकास के मामले में तो भाजपा सरकार ने पूरी तरह से अनदेखा कर रखा है तब शिक्षा के क्षेत्र में वह यहां के हजारों युवाओं के साथ खिलवाड़ करने से गुरेज नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि वर्ष1958 में स्थापित इस काॅलेज में इस समय 15 पद रिक्त चले हुए है। सबसे अधिक चिंताजनक स्थिति राष्ट्रीय भाषा से संबन्धित हिंदी विषय की बनी हुई है। चम्बा में शिक्षा ग्रहण कर रहे 2108 छात्र-छात्राएं हिंदी विषय को अनिवार्य तौर पर चुना हुआ है लेकिन चम्बा कालेज में हिंदी विषय को पढ़ाने के लिए स्वीकृत 3 पदों में सिर्फ एक ही भरा हुआ है। हैरान की बात है कि इस एकलौते अध्यापक को भी सरकार ने लिल्हकोठी कालेज भेज दिया है। उन्होंने बताया कि अंग्रेजी विषय के स्वीकृत 5 पदों में 3 पद, फिजिक्स में 1, जियोलॉजी में 2, म्युजिक में 1, पॉलिटिकल साईंस में 2, जियोग्राफी में 1, फिजिकल एजूकेशन में 1, टूअर एंड ट्रैवल में 1, इक्नोमिक्स में भी 1 पद रिक्त चला हुआ है। करतार ठाकुर ने कहा कि परिक्षाएं सिर पर हैं लेकिन अफसोस की बात है कि काॅलेज के बच्चों को प्राध्यापकों की कमी को दूर करवाने के लिए सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को इस मामले के प्रति गंभीरता दिखानी चाहिए ताकि कम से कम विकास में पिछड़ा यह जिला सरकार के उपेक्षापूर्ण रवैये की वजह से शिक्षा के क्षेत्र में भी कही पिछड़ न जाए।