चम्बा कालेज में शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्र-छात्राओं ने सरकार की काम चलाऊ शिक्षा नीति के प्रति रोष जताया
चम्बा, 25 फरवरी (विनोद): चुनावों के दौरान सरकारी व राजनैतिक दल अपनी राजनैतिक रोटियां सेकने के लिए कॉलेज खोल देगी हैं लेकिन यह कॉलेज उच्च शिक्षा के नाम पर महज मजाक बन कर रह गए हैं।
ऐसे में जिला चम्बा के युवाओं के साथ उच्च शिक्षा मुहैया करवाने के नाम पर महज खिलवाड़ किया जा रहा है। वीरवार को चम्बा काॅलेज में शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्र-छात्राओं के एक प्रतिनिधि मंडल ने काॅलेज में रिक्त चल रहें प्राध्यापकों के पदों को भरने के साथ-साथ यहां तैनात प्रवक्ताओं को जिला के दूसरे कॉलेजों में डैप्यूटेशन पर भेजने के आदेशों को रद्द करने की मांग की। जिला प्रशासन काे सौंपे अपने ज्ञापन के इस प्रतिनिधि मंडल ने बताया कि चम्बा कालेज में इस समय करीब एक दर्जन प्राध्यापकों के पद रिक्त चले हुए हैं। पहले से ही प्राध्यपकों की कमी को जूझ रहें इस कालेज में तैनात कुछ प्राध्यापकों के जिला के अन्य कालेज के डैप्यूटेशन पर भेजने के सरकार ने आदेश कर दिए है। इस वजह से चम्बा कालेज में यूं तो कागजों में प्राध्यापक तैनात हैं लेकिन वास्तव में उक्त प्राध्यापक जिला के दूसरे कालेज में डियूटी दे रहें है। इस वजह से चम्बा कालेज में हिंदी, राजनैतिक शास्त्र्, फिजिकल एजुकेशन, समाज शास्त्र सहित अन्य कई महत्वपूर्ण विषयों के प्राध्यापकाें की कमी का यहां शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्र-छात्राओं को नुक्सान झेलने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि चम्बा कालेज से जिला के तेलका, भलेई, सूलणी व लिल्हकोठी कालेज में प्रध्यापकों को डैप्यूटेशन पर भेजा जा रहा है। इस वजह से उपरोक्त विषयों को चम्बा कालेज में पढ़ने वाले प्रध्यापकों की कमी चली हुई है।