चंबा की आवाज, 7 जनवरी: पटना सिटी में एक अजीबो गरीब मामला तब सामने आया। जब खुद मुर्दा अपना पैसा लेने के लिए बैंक पहुंच गया। इस घटना के चलते बैंक में करीब 3 घंटे तक अफरा तफरी का माहौल रहा लेकिन बैंक मैनेजर द्वारा अपनी जेब से पैसे देने पर यह माहौल शांत हुआ। यह बात सुनने को यूं तो हमें अचरज में डाल सकती है लेकिन यह बात 100 फ़ीसदी सत्य है।
बिहार की राजधानी पटना से सटे पटना सिटी अनुमंडल के शाहजहांपुर थाना क्षेत्र के सिगरियावां गॉव निवासी 55 वर्षीय महेश यादव की बीमारी के कारण मृत्यु हो गयी। मृत्यु के बाद उसके उसके अंतिम संस्कार के लिए ग्रामीणों ने बैंक से उसके खाते के पैसे मांगे। लेकिन बैंक ने इनकार किया तो ग्रामीणों शव बैंक में जाकर रख दिया। उसके बाद केनरा बैंक शाखा में अचानक अफरा तफरी मच गई। ग्रामीणों द्वारा लगभग तीन घण्टे तक शव बैंक में पड़े रहने के बाद बैंक मैनेजर ने अपनी ओर से दस हजार देकर मामले को शांत कराया। बाद ग्रामीण शव ले गये। दरअसल मृतक महेश की शादी नहीं हुई थी और उसके आगे पीछे कोई नहीं था। बैंक में उसके खाते में एक लाख अठारह रुपये थे,लेकिन बैंक खाते में उसका कोई नॉमिनी नहीं था। यहाँ तक की उसने KYC भी नहीं कराया था। इस कारण बैंक मैनेजर ने पैसा देने से इनकार कर दिया था लेकिन इस प्रदर्शन के बाद बैंक मैनेजर ने अपनी ओर से दाह संस्कार के लिए 10 हजार रुपए दिए तब जाकर ग्रामीण शव को लेकर दाह संस्कार के लिए गए।