831 करोड रुपए की टैक्स चोरी करने वाली कंपनी पर कसा शिकंजा

दिल्ली, 4 जनवरी (साभार): कर चोरी करने वालों के खिलाफ सरकार ने शिकंजा कस दिया है। इस बात का प्रमाण यह है कि दिल्ली की एक गुटखा बनाने वाली अवैध कंपनी में छापामारी करके जी.एस.टी. अधिकारियों ने 831 करोड़ रुपए की कर चोरी पकड़ी है। इस मामले को लेकर एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। पश्चिमी दिल्ली जीएसटी कमिश्नरेट के ब्यान के अनुसार जब कंपनी पर छापा मारा गया तो उसके गोदाम से कुछ साक्ष्य मिले हैं जिनसे साफ हुआ कि कंपनी गुप्त रूप से गुटखा, पान मसाला व तंबाकू उत्पादों का निर्माण कर रही थी। जांच अधिकारियों ने मौके से कच्चा माल, गुटखा तैयार करने की मशीनें जब्त की हैं। जांच में पाया गया कि कंपनी ने अवैध गुटखा निर्माण से करीब 831 करोड़ रुपए की कर चोरी की है। अधिकारियों के मुताबिक अवैध गुटखा कंपनी में 65 मजदूर काम कर रहे थे। अधिकारियों ने कंपनी के गोदाम से तैयार गुटखा और कच्चा माल जैसे चूना, सादा कत्था, तंबाकू आदि जब्त किया है। जब्त किए गए माल की कीमत करीब 4.14 करोड़ रुपए है। बयान के मुताबिक जीएसटी चोरी के इस मामले में जांच जारी है। बिना बिल के माल की आपूर्ति करने के फर्जीवाड़े में शामिल एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर शनिवार को अदालत में पेश किया गया जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।  

GST चोरी मामले में 7000 संस्थाओं पर कार्रवाई 
केंद्र सरकार ने विभिन्न एजेंसियों की सूचना पर देशभर में जीएसटी चोरी के खिलाफ कड़ा अभियान चलाकर सात हजार संस्थाओं पर कार्रवाई की है। वित्त सचिव अजय भूषण पांडेय ने रविवार को बताया कि अब तक कुल 187 लोगों को जीएसटी चोरी में गिरफ्तार किया गया है। पांडेय ने एक साक्षात्कार में कहा कि ‘सरकार ने जीएसटी लागू होने के बाद से अब तक सर्वाधिक 1.15 लाख करोड़ रुपए की जीएसटी वसूली दिसंबर में की है। जीएसटी चोरों के खिलाफ सरकार की कार्रवाई से वसूली बढ़ाने में मदद मिली है और इससे अर्थव्यवस्था में सुधार होने के भी आसार हैं।’ उन्होंने बताया कि ‘पिछले डेढ़ महीने से जारी अभियान में फर्जी जीएसटी बिल के जरिये सरकार को चपत लगाने वाले जिन 187 लोगों को गिरफ्तार किया गया उनमें पांच चार्टर्ड एकाउंटेंट और एक कंपनी सेक्रेटरी भी शामिल हैं। इनमें से कई प्रबंध निदेशक बीते 40-50 दिनों से जेल में कैद हैं। यही नहीं इनमें कुछ बड़ी कंपनियां हैं जो फर्जी बिल के जरिये जीएसटी चोरी में लिप्त थीं। उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की गई है।’