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कोरोना को लेकर बड़ी राहत की बात।

दिल्ली, 21 दिसंबर, (साभार): देश में पिछले कुछ समय से कोरोना के नए मामलों में कमी आई है, क्योंकि कोरोना की रफ्तार में कमी दर्ज की गई है। हो रही है। वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से भी बड़ी राहत वाला ब्यान आया है कि देश में अब बुरा समय टल गया है। अपने ब्यान में मंत्रालय ने यह भी साफ‌किया है कि हमें अब भी सावधानियां बरतनी है।और हरगिज लापरवाही नहीं दिखानी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि अगले साल जनवरी 2021 से किसी भी समय भारत में कोरोना की पहली वैक्सीन अपलब्ध हो जाएगी। डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि भारत में मरीजों के स्वस्थ होने की दर 95.46 प्रतिशत हो गई है। वहीं भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद में महामारी विज्ञान एवं संचारी रोग विभाग की प्रमुख डॉक्टर समीरन पांडा ने कहा कि कुछ राज्यों में महामारी से संबंधित आंकड़ों में कमी देखी जा रही है और अन्य राज्यों में ये अस्थिर हैं। पांडा ने कहा कि अधिकतर राज्यों ने प्रभावी ढंग से इस पर काबू पाया है जबकि कुछ को सतर्कता बरतने की जरूरत है। राज्यों के हालात एक-दूसरे से अलग हैं।

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VINOD KUMAR

MLA Neeraj Nayyar : चंबा विधायक नीरज नैयर का बड़ा कदम सुर्खियों में बना

कोरोना को लेकर बड़ी राहत की बात।

Update Time : 06:52:58 am, Monday, 21 December 2020

दिल्ली, 21 दिसंबर, (साभार): देश में पिछले कुछ समय से कोरोना के नए मामलों में कमी आई है, क्योंकि कोरोना की रफ्तार में कमी दर्ज की गई है। हो रही है। वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से भी बड़ी राहत वाला ब्यान आया है कि देश में अब बुरा समय टल गया है। अपने ब्यान में मंत्रालय ने यह भी साफ‌किया है कि हमें अब भी सावधानियां बरतनी है।और हरगिज लापरवाही नहीं दिखानी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि अगले साल जनवरी 2021 से किसी भी समय भारत में कोरोना की पहली वैक्सीन अपलब्ध हो जाएगी। डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि भारत में मरीजों के स्वस्थ होने की दर 95.46 प्रतिशत हो गई है। वहीं भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद में महामारी विज्ञान एवं संचारी रोग विभाग की प्रमुख डॉक्टर समीरन पांडा ने कहा कि कुछ राज्यों में महामारी से संबंधित आंकड़ों में कमी देखी जा रही है और अन्य राज्यों में ये अस्थिर हैं। पांडा ने कहा कि अधिकतर राज्यों ने प्रभावी ढंग से इस पर काबू पाया है जबकि कुछ को सतर्कता बरतने की जरूरत है। राज्यों के हालात एक-दूसरे से अलग हैं।