चंबा, ( विनोद ): नॉन प्रैक्टिस अलाउंस यानी एनपीए बंद करने के फैसले के खिलाफ हिमाचल के डॉक्टरों ने हड़ताल का बिगुल फूंक दिया है। सोमवार को डेढ़ घंटे की हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिला। मेडिकल कॉलेज चंबा के चिकित्सकों के साथ मेडिकल कॉलेज में चिकित्सा शिक्षा ले रहे प्रशिक्षु डॉक्टरों ने हड़ताल की।
इस वजह से डेढ़ घंटे तक मेडिकल कॉलेज चंबा की ओपीडी सेवाएं पूरी तरह से ठप रही। यह बात और है कि मेडिकल कॉलेज की आपातकालीन सेवाएं इस हड़ताल से अछूती रही। ओपीडी की चिकित्सा सेवा सुबह साढ़े 9 बजे से 11 बजे तक बंद रही। चिकित्सकों ने इस समय अवधि के दौरान लोगों के स्वास्थ्य की जांच नहीं की।
सोमवार को मेडिकल कॉलेज अस्पताल चंबा में स्वास्थ्य की जांच करवाने को आए लोगों को इस हड़ताल के कारण मानसिक परेशानी उठानी पड़ी। ओपीडी कक्ष के बाहर लोग जमीन पर बैठकर OPD सेवाएं बहाल होने का इंतजार करते देखे गए। जैसे ही सुबह के 11 बजे और हड़ताल समाप्त हुई तो लोगों ने राहत की सांस ली।
ये भी पढ़ें: भूकंप से कांपा चंबा, लोग सहमे।
मेडिकल कॉलेज फैकेल्टी एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. मानिक सहगल ने कहा कि सरकार ने नये चिकित्सकों को एनपीए न देने का फैसला लेकर इस वर्ग के साथ धोखा किया है। निजी प्रैक्टिस न करने के बदले में सरकार चिकित्सकों को एनपीए देती है लेकिन अब एनपीए बंद करने के साथ चिकित्सकों को निजी प्रैक्टिस करने की अनुमति भी नहीं दी है।
ये भी पढ़ें: चंबा खुद को इसके लिए कर रहा तैयार।
उन्होंने कहा कि संघ सरकार से यह मांग करता है कि वह अपने इस निर्णय को तुरंत वापिस ले। अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो चिकित्सकों का अपना हक पाने के लिए इस आंदोलन को और तेज करने को मजबूर होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सरकार अपने इस फैसले को वापिस नहीं लेती है तो शाम चार बजे के बाद अस्पताल में कोई चिकित्सक नजर नहीं आएगा और सभी चिकित्सक शाम 4 बजे के बाद निजी प्रैक्टिस करते नजर आएंगे।
फिलहाल अपनी मांग के पूरा न होने तक डॉक्टर इसी प्रकार से सरकार के इस फैसले के खिलाफ डॉक्टर अपना रोष प्रकट करते रहेंगे। उन्होंने यह भी साफ किया कि डॉक्टरों की इस हड़ताल का स्वास्थ्य संस्थानों की आपातकालीन सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इस मौके पर मेडिकल कॉलेज चंबा में चिकित्सा शिक्षा प्राप्त करने वाले प्रशिक्षु चिकित्सक भी मौजूद रहे।