मिंजर विसर्जन के साथ 8 दिवसीय ऐतिहासिक मेला संपन्न

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने रावी में मिंजर प्रवाहित की

चंबा, (विनोद): 8 दिवसीय ऐतिहासिक मिंजर मेला रविवार को रावी नदी में मिंजर विसर्जन के साथ ही धूमधाम से संपन्न हो गया। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मेले की इस भव्य शोभायात्रा में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होकर इसकी अगुवाई की।

 

चंबा के ऐतिहासिक अखंड चंडी पैलेस से रावी किनारे मौजूद मंजरी गार्डन के लिए मिंजर समापन शोभायात्रा निकली। मंजरी गार्डन पहुंच कर मुख्यमंत्री ने पूजा अर्चना करने के साथ मिंजर को रावी नदी में विसर्जित किया। इस मौके पर भारी संख्या में लोग मौजूद रहे।

24 जुलाई को शुरू हुआ यह ऐतिहासिक मिंजर मेला विधिवत रूप से शुरू हुआ जिसका शुभारंभ हिमाचल के राज्यपाल द्वारा किया गया। बीते 7 दिनों तक चंबा चौगान में मिंजर की सांस्कृतिक संध्याएं आयोजित की गई । कोविड की वजह से बीते दो वर्षों के दौरान यह मेला महज परंपरा निर्वाहन तक ही सीमित रहा।

अबकी बार भी इस मेले के आयोजन को लेकर कई प्रकार की आशंकाएं मंडराती रहीं लेकिन जिला प्रशासन व मिंजर मेला आयोजन समिति ने लोगों की आशंकाओं को समाप्त करते हुए सफलतापूर्वक इस मेले का भव्य रूप से आयोजन किया।

 

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मिंजर मेला के समापन की शोभायात्रा में मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर रविवार की सुबह तक स्थिति चिंताजनक बनी हुई थी क्योंकि बीते शनिवार की रात से चंबा में बारिश शुरू हो चुकी थी लेकिन मिंजर के महत्व को देखते हुए मुख्यमंत्री ने हवाई मार्ग से चंबा पहुंचने का जोखिम उठाया।

 

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अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने स्वयं यह स्वीकारा की एक समय तो ऐसा लगा कि चंबा पहुंचना मुश्किल है और क्यों न वर्चुअल के माध्यम से इस समापन समारोह में अपनी मौजूदगी दर्ज करवाई जाए। बाद में यह सोचा कि जहां तक संभव हो सके चला जाए। मुख्यमंत्री की यह बात यह आभास करवाती है कि वह इस मेले के समापन समारोह में शामिल होने के लिए उत्साहित थे।

 

धार्मिक सौहार्द का यह परिचायक ऐतिहासिक मेला जहां चंबा की प्राचीन लोक संस्कृति का दर्पण है तो साथ ही आज के दौर में इस मेले का और भी महत्व बढ़ जाता है क्योंकि बीते कोविड काल ने हम सब को आपसी भाईचारे का जो सबक मिला है वह हम सब के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।