1943 में बनी यह सोसायटी करोड़ पति बनी

तीन साल बाद आयोजित हुई बैठक में दी जानकारी

चंबा, ( विनोद ): कर्मचारियों के कल्याण के लिए 1943 में बनी सोसायटी आज करोड़ पति बन चुकी है। वर्तमान में यह 1 करोड़ रुपए से अधिक की मालिक बनी चुकी है। बात वन विभाग बचत एवं ऋण सोसायटी चंबा की हो रही है। बुधवार को 3 साल के बाद सोसायटी की बैठक आयोजित हुई इसकी वजह यह थी कि कोविड के कारण यह बैठक आयोजित नहीं हो पाई थी।

 

बुधवार को जिला मुख्यालय में सोसायटी की जरनल हाऊस की बैठक आयोजित हुई जिसकी अध्यक्षता जिला पंजीकय सहकारी सभाएं अधिकारी चंबा संतोष कुमार की ने की। बैठक में सोसायटी के पदाधिकारियों व सदस्यों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया।

 

सोसायटी के प्रधान अशोक ठाकुर ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इस सोसायटी की गठन 1943 में वन विभाग के कर्मचारियों के कल्याण के उद्देश्य से किया गया था। तब से अब तक यह सोसायटी अपने सदस्यों के सहयोग से सफलतापूर्वक सफर तय करती चली आ रही है। 
1943 में बनी यह सोसायटी करोड़ पति बनी

सोसायटी की बैठक में सदस्य भाग लेते हुए।

ठाकुर ने बताया कि वर्तमान में सोसायटी के 500 के करीब सदस्य है और जरुरत पड़ने पर सोसायटी अपने सदस्यों को बेहद कम ब्याज दर पर ऋण देती है तो साथ ही हर माह लिया जाने वाले शुल्क शेयर कर्मचारी की सेवानिवृति के बाद ब्याज सहित लौटाया जाता है।
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प्रधान ने बताया कि आज की बैठक बेहद महत्वपूर्ण थी क्योंकि यह बैठक 3 वर्ष के बाद आयोजित हुई। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए जिसमें ऋण देने की राशि सीमा को 25 हजार से बढ़ा कर 50 हजार रुपए करने का हाऊस ने सर्वसम्मति के साथ फैसला लिया तो साथ ही सचिव व कोषाध्यक्ष पद पर दो सदस्यों की आम सहमति से नियुक्ति की गई।
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उन्होंने बताया कि यह बेहद हर्ष का विषय है कि वर्तमान में सोसायटी के पास 1 करोड़ 15 लाख रुपए विभिन्न स्वरूप में मौजूद है। उन्होंने बताया कि बैठक में हर माह सोसायटी के सदस्यों द्वारा दिए जाने वाला शेयर 300 से बढ़ाकर 500 रुपए करने का भी फैसला आम सहमति से लिया गया। 

ठाकुर ने बताया कि बैठक में कुछ ऋणधारक डिफाल्टरों के मामलों को लेकर चर्चा की गई। इस विषय पर जिला पंजीकय सहकारी सभाएं अधिकारी ने सोसायटी का मार्ग दर्शन करते हुए बताया कि कानूनी कार्रवाई के माध्यम से भी यह ऋण राशि वसूल पाई जा सकती है। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि जो ऋणधारक अपना ऋण चुकता करने में आनाकानी कर रहें हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाए। 
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