वे मन व बुद्धि से विकलांग-डा.जनक

आईजीएमसी के एमएस ने यह बात कही

चंबा, (विनोद): कुछ लोग मन व बुद्धि से विकलांग होते हैं क्योंकि वे समाज के उन लोगों के साथ भेदभाव करते हैं जो कि जन्म से या फिर किसी हादसे अथवा रोग के कारण विकलांगता का शिकार होते है।  igmc shimla के चिकित्साधिक्षक व न्यूरो विभाग के मुखिया प्रो. जनकराज पखरेटिया ने चंबा के परेल में विकलांगों के लिए आयोजित प्रशिक्षण शिविर में भाग लेने के दौरान अपने संबोधन में यह बात कही। 

 

अपने कार्यों के दम पर चर्चा में बने रहने वाले  जिला चंबा के जनजातीय क्षेत्र भरमौर के  डा. जनकराज पखरेटिया इन दिनों चंबा में दौरे पर है। मंगलवार को उन्होंने चंबा में विकलांगों के लिए पीएमकेवाई के तहत आयोजित प्रशिक्षिण शिविर में भाग ले रहें विकलांगों के साथ भेंटवार्ता की।
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समाज सेवा के लिए हमेशा अग्रसर रहने वाले प्रोफेसर जनकराज अपने कार्यों के लिए अक्सर चर्चा में रहते है। मंगलवार को उन्होंने चंबा के परेल में विकलांगों के लिए आयोजित एक प्रशिक्षण शिविर में भाग लेते हुए न केवल उन विकलांगों का मनोबल ऊंचा करने का काम किया बल्कि उनके स्वास्थ्य को भी जांचा।
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इस मौके पर उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि जो भी इन लोगों के साथ भेदभाव करते हैं वे लोग असल में मन व बुद्धि से विकलांग होते हैं। उन्होंने कहा कि इस शिविर में भाग लेकर इन लोगों ने यह बता दिया है कि वे अपनी प्रतिभा के दम पर समाज में अपनी जगह बनाना चाहते हैं।
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शिविर में शामिल विकलांगों के साथ जब उन्होंने बता कि तो यह सामने आया कि इनमें से कईयों के विकलांगता प्रमाण पत्र नहीं बने हुए हैं तो कईयों को सहारा योजना से अभी तक नहीं जोड़ा गया है। इस पर प्रोफेसर जनकराज ने कहा कि वह सीएमओ चंबा से इस शिविर में मेडिकल बोर्ड को भेज कर विकलांगता प्रमाण पत्र बनाने का आग्रह करेंगे।
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उन्होंने इस मौके पर प्रशिक्षुओं से कहा कि उन्हें जब भी उनकी जरूरत महसूस हो तो वे बेझिझक होकर उनके साथ संपर्क कर सकते हैं और उनका यह प्रयास रहेगा कि वह उनकी हर संभव सहायता कर सके।

इस शिविर में शामिल विकलांगों का कहना था कि उन्हें डा. जनकराज के बारे में जैसा सुना था उससे अधिक मृदुभाषी व सहज स्वभाव का पाया है। उन्होंने कहा कि डा. जनकराज की बातों ने उनके मनोबल व उत्साह को बढ़ाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि वे डा. जनक के साथ अपनी इस मुलाकात का ताउम्र याद रखेंगे