छेड़छाड़ हल्के में लेना, पड़ सकता है महंगा

डल्हौजी में आयोजित विशेष कार्यशाला में दो टूक यह बात कही

चंबा, (विनोद): बच्चे के साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ को हल्के में लेना किसी बड़े अपराध की घटना को पनपने देने का अवसर मुहैया करवाने के समान है। ऐसे में जब भी बच्चों के साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ होती है तो इस संदर्भ में पुलिस को तुरंत सूचित करे। 

 

पर्यटन नगरी डल्हौजी में मंगलवार को एजुकेशन सोसायटी चाइल्डलाइन चंबा द्वारा आयोजित एक विशेष कार्यशाला को संबोधित करते हुए संस्था के जिला समन्वयक कपिल शर्मा ने यह बात कही।
इस विशेष कार्यशाला का आयोजन sdm डल्हौजी जगन ठाकुर की अध्यक्षता में किया गया। कार्यक्रम में  चिकित्सालय डल्हौजी के चिकित्साधिकारी नवनीत राठौर भी विशेष रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम में डल्हौजी उपमंडल के विभिन्न पाठशाला के प्रधानाचार्य, पुलिस विभाग, पंचायत प्रधान, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता सहित चाइल्डलाइन टीम सदस्य चमन सिंह, राजूराम, विकी व फील्ड वालंटियर यदुवीर ठाकुर उपस्थित रहे।
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कार्यक्रम का मूल उद्देश्य सभी हितधारकों के साथ समन्वय स्थापित करके बाल संरक्षण के संबंध में एक प्रभावी रणनीति तैयार करना रहा। सभी प्रतिभागियों को इस संबंध में जागरूक किया गया कि किसी भी जरूरतमंद, गरीब, अनाथ, अर्ध अनाथ,बाल विवाह से ग्रस्त, बाल शोषण से ग्रस्त, बाल तस्करी से ग्रस्त, दिव्यांग, घरेलू हिंसा से पीड़ित या अन्य किसी भी कारण से मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ित बच्चों हेतु विभिन्न हित धारक किस प्रकार से बच्चों की सहायता कर सकते हैं।
चाइल्डलाइन समन्वयक कपिल शर्मा द्वारा हित धारकों को चाइल्डलाइन की मुफ्त फोन सेवा 1098 द्वारा प्रदान की जा रही विभिन्न सेवाओं हेतु अवगत करवाया। प्रधानाचार्य से आग्रह किया गया कि स्कूल में यदि कोई बच्चा घरेलू हिंसा से पीड़ित होने के कारण परेशान हो या नशे में लिप्त हो या किसी गलत संगत में हो तो उसकी सूचना भी चाइल्ड लाइन में दी जा सकती है।
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चिकित्सा अधिकारी नवनीत राठौर ने भी इस उपलक्ष में अपने महत्वपूर्ण विचार रखे तथा सभी हितधारकों को एक साथ समन्वय स्थापित करके बाल संरक्षण के संबंध में कार्य करने हेतु प्रोत्साहित किया एवं चिकित्सा विभाग की ओर से इस मुहिम को सफल बनाने के लिए भरपूर सहयोग देने का भी आश्वासन दिया।
पुलिस विभाग से आए आरक्षी सोमदत्त ने पोक्सो एक्ट के संबंध में हित धारकों को जागरूक किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि बच्चों के साथ किसी प्रकार की छेड़खानी के संबंध में पुलिस में शिकायत करना अति अनिवार्य है। उपमंडलीय दंडाधिकारी डल्हौजी जगन ठाकुर ने भी कार्यक्रम के संबंध में चर्चा करते हुए इस बात पर जोर दिया कि विकास की अंधी दौड़ में हमें बच्चों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
उन्होंने अध्यापकों को बच्चों हेतु  विषय वस्तु के साथ-साथ समय-समय पर परामर्श सेवा देने का आवाहन किया। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया की जब भी हम किसी जरूरतमंद बच्चे या किसी अन्य के साथ काम करें तो उनके साथ हम जुड़कर बात करें और उनकी समस्या को गहराई से समझने का प्रयास करें। उनकी समस्याओं को समझें तथा यथासंभव सहायता प्रदान करने का प्रयास करें।
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बाल संरक्षण के संबंध में चाइल्डलाइन द्वारा किए जा रहे विभिन्न कार्यों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि यदि सभी हित धारक इसी प्रकार से एकजुट होकर कार्य करेंगे तो निश्चित रूप से हम बच्चों के लिए एक सुरक्षित वातावरण तैयार कर पाएंगे। इसके साथ-साथ उन्होंने कोविड काल में किए गए विशिष्ट कार्यों हेतु सभी हितधारकों की प्रशंसा भी की। 

उन्होंने चाइल्डलाइन चंबा को यह सुझाव दिया कि निकट भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रम उनके अधिकार क्षेत्र में अवश्य आयोजित किए जाएं ताकि बाल संरक्षण का यह संदेश जन-जन तक पहुंचाया जा सके। इस दौरान लगभग 70 प्रतिभागी मौजूद रहे।