6 साल से यूजीसी वेतनमान का इंतजार

बजट से पहले मांग नहीं पूरी हुई तो कक्षाओं का प्रैक्टिकल व वार्षिक परिक्षाओं का बहिष्कार होगा

चंबा, (विनोद): हिमाचल के महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों के शिक्षकों को बीते 6 साल से यूजीसी वेतनमान का इंतजार करना पड़ रहा है जोकि पूरे देश में यह लागू हो चुका है। ऐसे में हिमाचल सरकार बजट से पहले हिमाचल प्रदेश राजकीय महाविद्यालय प्राध्यापक संघ की इस मांग को पूरा करे। तीसा कालेज प्राध्यापक संघ ने कॉलेज प्राचार्य डा. विद्यासागर के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजे अपने मांग पत्र में यह बात कही है।

 

संघ के प्रतिनिधि मंडल में शामिल सुभान खान, लाल सिंह, भुवनेश कुमार, डा. दिपक कुमार, डा. भगतराम, लाल सिंह, दूनी सिंह ने बताया कि महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में सातवें वेतन आयोग को जल्द लागू करने की कई बार मांग की जा चुकी है लेकिन अभी तक यह मांग पूरी नहीं हुई है। यही वजह है कि प्रदेश मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, हिमाचल शिक्षा मंत्री व प्रदेश शिक्षा सचिव को यह मांग पत्र भेजा गया है।

 

संघ का कहना है कि लंबे समय से चली आ रही इस मांग के पूरा न होने से इस अध्यापक वर्ग को यह अभास होने लगा है कि सरकार इस वर्ग के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने इस वर्ग की मांग को जल्द पूरा नहीं किया तो हिमाचल के सभी महाविद्यालयों के प्राध्यापक शैक्षिणक सत्र 2021-22 की कक्षाओं का प्रैक्टिकल व वार्षिक परीक्षाओं का बहिष्कार करने के लिए मजबूर होंगे तथा इसकी सारी जिम्मेदारी हिमाचल सरकार की होगी।

संघ ने उम्मीद जताई है कि प्रदेश मुख्यमंत्री इस वर्ग की मांग को पूरा करने की दिशा में शीघ्र जल्द प्रभावी कदम उठाएंगे। उन्हेांने कहां कि मुख्यमंत्री ने प्रदेश के लगभग सभी कर्मचारी वर्ग की मांगों को पूरा करने की दिशा में कोई न कोई प्रभावी कदम जरुर उठाया है। यही वजह है कि हिमाचल प्रदेश राजकीय महाविद्यालय प्राध्यापक संघ इकाई तीसा यह उम्मीद करती है कि इस वर्ग की मांग पर भी मुख्यमंत्री गंभीरता दिखाते हुए बजट सत्र से पहले प्रभावी कार्रवाई अमल में लाएंगे।
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