GST बढ़ाने पर सरकारी ठेकेदार नाराज, विकास कार्यों पर लग सकती है लगाम

आयकर विभाग के नोटिस ने भी ठेकेदारों की नींद उड़ाई-बट्ट

चंबा, (विनोद कुमार): GST बढ़ाने पर सरकारी ठेकेदार नाराज हो गए है। इस वजह से प्रदेश में चल रहें सरकारी निर्माण कार्य बंद हो सकते है। सोमवार को जिला कांट्रैक्टर वेल्फेयर एसोसिएशन चंबा ने यह बात कही। 
GST को लेकर सरकार के इस निर्णय के साथ सरकारी निर्माण कार्यों में प्रयोग होने वाली निर्माण सामग्री की M.फॉर्म जमा करवाने के आदेश भी सरकारी ठेकेदारों के लिए सिरदर्द बनता नजर आने लगा है।
यही वजह है कि अब सरकारी ठेकेदारों ने सरकार पर इन आदेश को वापिस लेने का दबाव बनाने का निणर्य लिया है। इसी के चलते जिला कांट्रैक्टर वेल्फेयर एसोसिएशन चंबा ने अपनी मांगों को लेकर राज्यपाल व मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा।

जिला कांट्रैक्टर वेल्फेयर सोसायटी चंबा के अध्यक्ष सुरेश ठाकुर की अगुवाई में इसे अंजाम दिया गया। इस बारे जानकारी देते हुए सोसायटी के महासचिव परवेज बट्ट ने बताया कि हालांकि यह मामला अदालत में विचाराधीन है लेकिन संघ सरकार से यह मांग करता है कि वह अदालत में इस मामले पर इस वर्ग के पक्ष को रखे।
उन्होंने कहा कि हाल ही में आयकर विभाग ने नोटिस जारी किया है कि कोई भी मशीन खरीदने पर अब ठेकेदार को 15 वर्षों को टैक्स जमा करवाना होगी। उन्होंने कहा कि आयकर विभाग के इस आदेश की वजह से भी यह वर्ग बेहद परेशान है।
उन्होंने कहा कि बेरोजगारी से निजात पाने के लिए ऋण लेकर ठेकेदारी करने के लिए मशीनों को खरीदा जाता है लेकिन यह आदेश जारी होने के अब इस वर्ग के लिए नई आर्थिक समस्या खड़ी हो गई है। उन्होंने कहा कि संघ की यह मांग है कि पूर्व की भांति ही एक वर्ष का टैक्स लिया जाए।
उन्होंने बताया कि इस वर्ग की तीसरा मांग यह है कि एक ही वस्तु पर दो-दो बार रॉयल्टी ली जा रही है उसे भी बंद किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी ठेकेदार को जब सड़क निर्माण का कार्य आवंटित होता है तो इसके दौरान होने वाली कटिंग से जो पत्थर मिलता है ठेकेदार संबंधित विभाग से खरीदता है जिस पर विभाग रॉयल्टी काटता है।
इसके बाद उस पत्थर का जब ठेकेदार कही पर प्रयोग करता है तो एक बार फिर उस पर ठेकेदार से रॉयल्टी काटी जाती है। बट्ट ने कहा कि इस तरह से दो बार रॉयल्टी काटी जाती है। उन्होंने कहा कि इन तीन मांगों को जल्द पूरा करने की संघ ने राज्यपाल व मुख्यमंत्री से मांग की है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने इस दिशा में कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाए तो पूरे हिमाचल के ठेकेदारों को अपने कार्यों को रोकने के लिए मजबूर होना पड़ेगा जिसका सीधा असर विकास कार्यों पर पडे़गा। उन्होंने कहा कि जो निर्माण कार्य चले हुए हैं उनके बिलों का भुगतान बगैर एम.फॉर्म के करने के आदेश जारी करे।
उन्होंने बताया कि m फॉर्म जमा न होने की वजह से जिला चंबा में करोड़ों रुपए के बिल इसी वजह से फंसे पड़े हैं। इस मौके पर संघ के जिलाध्यक्ष सुरेश ठाकुर, जिला उपाध्यक्ष साहब सिंह ठाकुर, कमल ठाकुर, देसराज राणा, राज सिंह ठाकुर, नावेद अली शाह, मनू मेहता सहित अन्य ठेकेदार मौजूद रहे। 
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