कोरोना संकट के बीच अब एक और मुसीबत मंडराती हुई नजर आने लगी है। देश के कुछ राज्यों में अब बर्ड फ्लू ने दस्तक दे दी है। इन राज्यों में प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, केरल और राजस्थान का नाम शामिल हैं। इन राज्बयों में बर्ड फ्लू के कारण पक्षियों के मरने का सिलसिला जारी है।
मध्यप्रदेश में कौवों की मौत के बाद अलर्ट जारी
इंदौर में मरे हुए कौवों में घातक वायरस पाए जाने के बाद मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य में बर्ड फ्लू का अलर्ट जारी किया है। मध्यप्रदेश जनसंपर्क विभाग ने प्रदेश के सभी जिलों को सतर्क रहने तथा किसी भी प्रकार की परिस्थिति में कौवों और पक्षियों की मृत्यु की सूचना पर तत्काल रोग नियंत्रण के लिए भारत सरकार द्वारा जारी निर्देशों के तहत कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। विभाग की तरफ से बताया गया कि प्रदेश में 23 दिसंबर से 3 जनवरी 2021 तक इंदौर में 142, मंदसौर में 100, आगर-मालवा में 112, खरगोन जिले में 13 और सीहोर में 9 कौवों की मृत्यु हुई हैै।
हिमाचल प्रदेश में भी बर्ड फ्लू की पुष्टि
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित पोंग बांध झील में मृत पाए गए प्रवासी पक्षी बर्ड फ्लू से संक्रमित पाए गए हैं। राजस्थान, मध्यप्रदेश एवं केरल के बाद देश में हिमाचल प्रदेश चौथा ऐसा राज्य बन गया है जहां बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। झील अभयारण्य में अब तक करीब 1800 प्रवासी पक्षी मृत पाए गए हैं। इस बीच कांगड़ा के जिलाधिकारी राकेश प्रजापति ने जिले के फतेहपुर, देहरा, जवाली और इंदौरा उप मंडल में मुर्गी, बत्तक, हर प्रजाति की मछली और उससे संबंधित उत्पादों जैसे अंडे, मांस, चिकन आदि की ब्रिकी पर प्रतिबंध लगा दिया है।
राजस्थान में पक्षियों की मौत का सिलसिला जारी
राजस्थान के कई जिलों में पक्षियों की मौत का सिलसिला जारी है। पशुपालन विभाग के अनुसार राज्य में 425 से अधिक कौवों, बगुलो और अन्य पक्षियों की हुई है। झालावाड़ के पक्षियों के नमूनों को जांच के लिए भोपाल के राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान भेजा गया था जिसमें बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी जबकि अन्य जिलों के पक्षियों की मौत के नमूनों की जांच के परिणाम अभी तक नहीं मिले हैं।
केरल के दो जिलों में बर्ड फ्लू का कहर
केरल के कोट्टायम और अलप्पुझा जिलों के कुछ हिस्सों में बर्ड फ्लू फैलने की जानकारी सामने आई है, जिसके चलते प्रशासन को प्रभावित क्षेत्रों में और उसके आसपास एक किलोमीटर के दायरे में बत्तख, मुर्गियों और अन्य घरेलू पक्षियों को मारने का आदेश देने पर मजबूर होना पड़ा है। कोट्टायम जिला प्रशासन ने कहा कि नींदूर में एक बत्तख पालन केंद्र में बर्ड फ्लू पाया गया है और वहां करीब 1500 बत्तख मर चुकी हैं। सूत्रों के मुताबिक, इसी तरह अलप्पुझा जिले के कुट्टानद के कुछ फार्म में भी बर्ड फ्लू के मामले सामने आए हैं। राज्य पशुपालन मंत्री के राजू ने तिरुवनंतपुरम में कहा कि सरकार उन किसानों को मुआवजे का भुगतान करेगी, जिनके घरेलू पक्षियों को बर्ड फ्लू के चलते मारा जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि एच5एन8 वायरस के प्रसार की रोकथाम के लिए करीब 40,000 पक्षियों को मारना पड़ेगा। सूत्रों ने बताया कि हालात काबू में होने के बावजूद प्रशासन ने जिलों में हाई अलर्ट जारी किया है क्योंकि यह वायरस मनुष्य को भी संक्रमित करने की क्षमता रखता है। केरल में साल 2016 में बड़े पैमाने पर बर्ड फ्लू फैला था।