सरकार जल्द करे कोई उपाय ताकि 35 हजार जे.बी.टी. अध्यापकों का भविष्य न डूब जाए

जे.बी.टी. प्रशिक्षित व प्रशिक्षु अध्यापकों अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतरे
सरकार से जे.बी.टी. पदों पर बी.एड. प्रशिक्षु को अपात्र घोषित करने की मांग की
चम्बा, 25 फरवरी (विनोद): जे.बी.टी. प्रशिक्षुओं ने वीरवार को जिला मुख्यालय में धरना प्रदर्शन करते हुए प्रशासन के माध्यम से प्रदेश सरकार को अपनी मांगों के संदर्भ में एक ज्ञापन भेजा। जे.बी.टी. प्रशिक्षुओं का कहना था कि अगर सरकारी स्कूलों में रिक्त पड़े पदों पर बी.एड. अध्यापकों को तैनात किया जाना है तो जे.बी.टी. प्रशिक्षु और प्रशिक्षत अध्यापकों को कब सरकार रोजगार देगी।

वीरवार को अपनी इस मांग को लेकर चम्बा के प्रशिक्षु व प्रशिक्षत जे.बी.टी. अध्यापकों ने अपनी मांगों को लेकर जिला मुख्यालय में रोष रैली निकली तो साथ ही डी.सी. कार्यालय के बाहर अपनी उपरोक्त मागों को लेकर जमकर धरना प्रदर्शन व नारेबाजी की। इस जे.बी.टी. प्रशिक्षुओं का कहना है कि प्रशिक्षु बी.एड. अध्यापकों को अगर जे.बी.टी. अध्यापकों के पदों पर तैनात किया गया जाता है तो यह सरासर जे.बी.टी. प्रशिक्षु व प्रशिक्षित अध्यापकों के साथ अन्याय होगा।

प्रदर्शनकारी प्रशिक्षुओं का कहना है कि प्रारंभिक शिक्षा को लेकर किसी भी प्रकार की नीति का निर्धारण करने का पूरा अधिकार प्रदेश सरकार को प्राप्त है। ऐसे में प्रदेश मुख्यमंत्री से यह वर्ग आग्रह करता है कि इस अध्यापक वर्ग के भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए वह प्रभावी नीति का निर्माण करे। प्रशिक्षित जे.बी.टी. अध्यापक रमेश का कहना है कि उसने चार वर्ष पहले जे.बी.टी. का प्रशिक्षण प्राप्त किया था लेकिन अभी तक वह बेरोजगार है।

प्रशिक्षु मोहन लाल, चमन सिंह व करतार सिंह का कहना है कि सरकारी जे.बी.टी. प्रशिक्षण संस्थानों में गरीब परिवारों से संबन्धित युवा प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। ऐसे में अगर उन्हें अपने हकों को सुरक्षित बनाने को लिए अदालत में जाना पड़े तो फिर सरकार पर यह वर्ग कैसे विश्वास करेगी और ऐसे मामलों में सरकार इस वर्ग के हितों को सुरक्षित बनाने में खुद को असहाय पाती है तो वह प्रदेश के अपने उन सभी जे.बी.टी. प्रशिक्षण संस्थानों को बंद कर दे जिनमें प्रदेश के हजारों बच्चें प्रशिक्षण प्राप्त कर रहें हैं। प्रदर्शनकारी प्रशिक्षित जे.बी.टी. अध्यापकों का कहना था कि वर्ष 2008 से 2020 तक सभी बैच के करीब 35 हजार जे.बी.टी. अध्यापक बेरोजगार है। ऐसे में अगर जे.बी.टी. अध्यापक पदों के लिए बी.एड. को पात्र घोषित कर दिया गया तो जे.बी.टी. प्रशिक्षित अध्यापक वर्ग का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा।