शराब की नई आबकार नीति व डिपुओं में मिलने वाले तेल के दामों में वृद्धि को लेकर NSUI RTI CELL के प्रदेश समन्वयक रविंद्र कुमार ने सरकार पर बोला हमला
चंबा, 27 मई (विनोद): भाजपा के शासनकाल में शराब सस्ती व उचित मूल्य की दुकानों पर तेल महंगा है। ऐसे में कोविड के इस दौर में प्रदेश की जनता की कौन सुध लेगा। यह बात NSUI RTI CELL के प्रदेश समन्वयक रविंद्र कुमार ने प्रदेश की नई आबाकारी नीति में शराब की कीमतों को कम करने के मामले पर चुटकी लेते हुए यह बात कही। अपने जारी ब्यान में रविंद्र कुमार ने कहा कि सरकार की इस नई आबकारी नीति से यह साफ होता है कि सरकार को शराब का कारोबार करने वाले ठेकेदारों के हितों की अधिक चिंता है बजाए देश के आम लोगों की वजाए। उन्होंने कहा कि नई आबकारी नीति में शराब को अधिकतम मूल्य से ज्यादा दाम पर शराब बेचने के जुर्माना राशि को 5 हजार रुपए से कम करके 25 हजार रुपए करके सरकार की प्रदेश में शराब कारोबारियों को सीधा फायदा पहुंचाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि इस समय पूरा विश्व कोरोना महामारी की चपेट में है तो हिमाचल भी इसके प्रभाव से बुरी तरह से प्रभावित है। प्रदेश का गरीब व मध्यम वर्गीय तबका इस वक्त दो वक्त की रोटी के लिए तरस रहा तो इस बीच सरकार ने इस वर्ग के लिए उचित मूल्य की दुकान पर मिलने वाले सरसो के तेल की कीमतों को बढ़ा के इस वर्ग की और मुसीबतें बढ़ा दी है जो काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि दामों में बढ़ौतरी के लिए सरकार व विभाग उचित गुणवत्ता का हवाला दे रहा है तो सरकार व विभाग यह साप्ऊ करे कि क्या इससे पहले प्रदेश के लोगों को गुणवत्ताहिन तेल मुहैया करवाया जा रहा था।
एक की जगह अब चार ले जाने की छूट
युवा नेता ने कहा कि नई आबकारी नीति के तहत कोई भी व्यक्ति एक की जगह चार बोतलें शराब एक साथ ले जा सकता है। अब ऐसा करने पर उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। जबकि पहले एक बोतले से ज्यादा लेने पर पुलिस कार्यवाही को अंंजाम दे सकती थी।
उन्होंने कहा कि सरकार व विभाग का यह ब्यान मिलीभक्त होने की ओर इशारा करता प्रतीत होता है। उन्होंने कहा कि सरकार इस बात को कैसे भूल गई कि लोग इस मुसीबत के दौर में अपने घरों में जमा पूंजी को कोविड से लड़ने के लिए सरकार को देने से गुरेज नहीं किए हुए हैं तो साथ ही सरकार ने प्रदेश के कर्मचारी वर्ग के वेतन में भी कटौती की है। इन तमामा बातों को भूला कर सरकार ने तेल के दामों में भारी बढ़ौतरी करके जनता को दोहरी मार देने का काम किया है। युवा नेता रविन्दर कुमार ने कहा कि मेरा प्रदेश सरकार व भाजपा नेताओं से सवाल है कि वे इस पर अपनी स्थिति साफ करें कि क्या आप की नज़रों में शराब एक नशा है या नहीं। साथ ही हर वर्ष नशे के खिलाफ विज्ञापनों व जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को जागरूक करने के बीच क्या इस नई आबकारी नीति से प्रदेश में नशा खोरी को बढ़ावा नहीं मिलेगा।