वन्य प्राणियों का किया शिकार, तो गंभीर परिणाम भुगतने को रहें तैयार

चंबा, (विनोद कुमार): अगर वन्य प्राणियों का किया शिकार, तो गंभीर परिणाम भुगतने को रहें तैयार। ऐसा इसलिए क्योंकि वन विभाग ने इस बार वन्य प्राणियों का अवैध शिकार करने वालों को फांसने के लिए जाल बिछा दिया है। इस बार वन विभाग ने पूर्व के मुकाबले इस बार काफी पहले ही इस दिशा में प्रभावी कदम उठाए लिए है। 
ऊंचे पहाड़ों पर बर्फबारी होने की वजह से वन्य प्राणियों ने निचले क्षेत्रों की ओर रुख किया है। ऐसे में उनके जीवन पर खतरा पैदा हो गया है। इस बात को देखते हुए वन विभाग ने अपने फील्ड स्टाफ को अवैध शिकार पर पैनी नजर रखने के लिए गश्त करने के निर्देश जारी कर दिए है। यही नहीं वन विभाग ने अपने उड़न दस्तों को भी अर्ल्ट कर दिया है।
वन विभाग ने लोगों से भी यह आग्रह किया है कि अगर उन्हें किसी भी तरह के अवैध शिकार के बारे में जानकारी मिलती है तो वह तुरंत वन विभाग को सूचित करें या फिर अपने क्षेत्र के वन मंडल अधिकारी से सीधे संपर्क करके जानकारी दे। जिला चंबा के कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर सर्दियों के मौसम में भारी हिमपात होता है।
कई बार यह देखने को मिला है कि जब भी भारी हिमपात होता है तो कई वन्य प्राणी खुद को ठंड से बचाने के लिए रिहायशी क्षेत्रों में पहुंच जाते हैं। कुछ वन्य प्राणी शिकार करने के लिए रिहायशी क्षेत्रों में आ जाते है। इन तमाम परिस्थितियों के दौरान ऐसे वन्य प्राणियों के जीवन पर खतरा बना रहता है।

जल्द बर्फबारी होने के पूर्व के मुकाबले पहले उठाया गया यह कदम

वन मंडलाधिकारी चंबा अमित शर्मा का कहना है कि चूंकि इस बार बर्फबारी बेहद जल्दी हो गई है। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जिस मात्रा में बर्फबारी हुई है उसे देखते हुए यह आशंका पैदा हो गई है कि इस बार की सर्दियों में भारी हिमपात होगा। इन तमाम बातों को मद्देनजर रखते हुए यह व्यवस्था पूर्व के वर्षों के मुकाबले इस बार कुछ पहले कर दी गई है। चंबा वन मंडल के कुछ क्षेत्र अवैध शिकार के नजरिए से संवेदनशील है। ऐसे क्षेत्रों में अधिक सक्रियता दिखाने के आदेश जारी किए गए है।

अवैध शिकार के कई मामले आ चुके हैं सामने

जिला चंबा में अवैध शिकार के कई मामले पिछले कुछ वर्षों के दौरान सामने आ चुके है। चंद सप्ताह पहले ही पुलिस ने एक व्यक्ति से भालू की खाल बरामद की थी। इसके अवाला कुछ वर्ष पहले सिल्लाघ्राट में भी भालू का अवैध शिकार करने का मामला सामने आया था। इसके अलावा कई अन्य अवैध शिकार के मामले जिला में दर्ज हो चुके हैं।

जिला में है 5 वाईल्ड लाईफ सेंयुरी

जिला चंबा में वन्य प्राणियों की भारी संख्या में मौजूदगी का आभास इसी बात से हो जाता है कि Sanctuary के मामले में प्रदेश में इसका दूसरा नंबर आता है। हिमाचल के सबसे अधिक वाईल्ड लाईफ सैंच्यूरी कुल्लू जिला में है तो इसके बार जिला चंबा में Kalatop Khajjiar, तुंदा, कुगती, गमगुल, कालाटोप व गमगुल का नाम आता है। इसके अलावा वाईल्ड लाईफ सैंच्यूरी से अलग जिला के अन्य वन क्षेत्रों में भी वन्य प्राणियों की भारी संख्या में मौजूदगी दर्ज है। यही वजह है कि यह जिला अवैध शिकार के मामले में बेहद संवेदनशील माना जाता है।

अवैध शिकार के मामले पर कड़ी कार्रवाई होगी

वन मंडलाधिकारी चंबा ने कहा कि यूं तो अवैध शिकार करने वाले के खिलाफ कड़े कानून मौजूद हैं लेकिन जिस क्षेत्र में ऐसी घटना पाई जाती है या फिर ऐसा मामला सामने आया तो उक्त क्षेत्र के वन कर्मचारियों को भी इसके लिए जिम्मेदार माना जाएगा और उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

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