लाखों रुपए प्रति किलो से बिकने वाले वन्य जीव के अवशेष पकड़ें

रविवार को चंबा में तो साेमवार को यहां यह मामला सामने आया

चंबा की आवाज, 21 जून। प्रदेश में वन्य जीवों के अंगों की तस्करी का एक मामला सामने आया है। जिस वन्य जीव के अंगों को बरामद किया गया है वह जीव न सिर्फ दुर्लभ प्रजाति के जानवर की श्रेणी में शामिल है बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में उसकी कीमत लाखों में है।
हम बात कर रहें हैं दुर्लभ प्रजाति में शामिल पौंगोलिन की। हमीरपुर में यह मामला उस समय सामने आया जब गश्त के दौरान पुलिस ने एक टैक्सी को रोककर तालाशी ली तो इस दुर्लभ प्रजाति के जानवर के अवशेष बरामद हुए। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेगोलिन स्केलस की कीमत 4 लाख से 10 लाख रुपए प्रति किलो है। पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है।

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पुलिस ने बताया कि हमीरपुर पुलिस की टीम सवा 3 बजे झिरालड़ी के पास गश्त पर थी। इस दौरान भोटा की तरफ से एक टैक्सी आई। पुलिस ने जब उसे चैकिंग के लिए रोका तो टैक्सी चालक पुलिस को देखकर घबरा गया।
शक के आधार पर जब गाड़ी की तलाशी ली गई तो गाड़ी से एक प्लास्टिक का थैला बरामद हुई। पुलिस ने जब उक्त थैले को खोला तो उसमें दुर्लभ प्रजाति के जंगली जानवर (पैंगोलिन) के स्केलस पाए गए। जिनका कुल वजन 4 किलो 424 ग्राम पाया गया।
वन्य प्राणी के अवशेषों के साथ धरे गए आरोपी पुलिस टीम के साथ।

वन्य प्राणी के अवशेषों के साथ धरे गए आरोपी पुलिस टीम के साथ।

पुलिस ने जब उक्त टैक्सी के चालक से पूछताछ की तो उसने अपना नाम सुनील कुमार पुत्र कुलदीप चन्द गांव कोटलू डाकघर पट्टा तहसील भोरंज जिला हमीरपुर बताया। पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और जांच की जा रही है।
एसपी हमीरपुर कार्तिकेयन गोकुल चंद्रेन ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि हमीरपुर में व्यक्ति ऑनलाइन पैंगोलिन की स्केलस को बेच रहा है, जिसके बाद इस व्यक्ति को पकड़ा गया है।
पुलिस ने वन्य जीव प्राणी संरक्षण अधिनियम धारा 51 के तहत मामला दर्ज कर लिया है और पुलिस मामले की जांच कर रही है।
रविवार को चंबा में पकड़ी थी मोनाल की कलगियां
गौर हो कि रविवार को जिला चंबा में पूर्व राज्य पक्षी मोनाल के कलगिया पकड़ी गई थी और अब दूसरे दिन हमीरपुर में दुर्लभ प्रजाति के श्रेणी में शामिल वन्य जीव के स्केलस पकड़े गए है।

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इससे ऐसा प्रतित होता है कि प्रदेश के जंगलों में मौजूद वन्य जीवों के जीवन पर खतरा मंडराया हुआ है तो साथ ही वन्य जीवों के अंगों को बेचने वाले व उन्हें मारने वाले इन दिनों काफी सक्रिय है।

 

हिमाचल में तस्कर सक्रिय तो नहीं?कोविड के इस दौर में लोग अक्सर बेरोजगारी की मार झेल रहें हैं। ऐसे में कही इस प्रकार के वन्य जीवों व के अंगों की तस्करी करने वाले अब हिमाचल में अपना जाल बिछाने में तो नहीं जुटे हुए है। अगर ऐसा है तो निसन्देह यह मामला बेहद गंभीर है।
कार में रखे गए वन्य जीव के अवशेष।

कार में रखे गए वन्य जीव के अवशेष।

क्यों दुर्लभ वन्य प्राणी की सूची में है यह जंगली जीव शामिल
प्रदेश में पाया जाने वाला पैंगोलिन भी एक ऐसा वन्य प्राणी है जो कि विलुप्त होने की कगार पर है। इसके शरीर पर केराटिन के बने शल्कनुमा संरचना से होती है, जिससे यह अन्य प्राणियों से अपनी रक्षा करता है।
हालाँकि यह आकार में किसी पालतू बिल्ली के बराबर होता है। इस जीव के कोई दांत नहीं होते हैं और न ही ये जीव किसी पर हमला करते हैं। अगर कभी इन्हें खतरे का आभास होता है तो यह खुद को एक बॉल की तरह समेट लेते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इसकी बहुत मांग होने की वजह से अक्सर तस्कर इसका शिकार करके मोटी कमाई करते है। इसी वजह से इसकी संख्या दिन व दिन कम होती जा रही है।

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