सैंकडों लोगों ने मोहन लाल की अंतिम यात्रा में शामिल होकर अंतिम विदाई दी
विनोद कुमार। चम्बा 3 अप्रैल। पूर्व आयुर्वेद राज्य मंत्री मोहन लाल का शनिवार को उनके पैतृक गांव सरोल के शमशान घाट में रावी के तट पर पूरे राज्यकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार हुआ। इस मौके पर विधानसभा उपाध्यक्ष हंसराज, चंबा सदर विधायक पवन नैयर, भरमौर विधायक जियालाल कपूर व जिला भाजपा अध्यक्ष डी.एस.ठाकुर मौजूद रहे। प्रशासन की ओर से ए.डी.सी.चम्बा मुकेश रेप्सवाल व एस.डी.एम.चम्बा शिवम प्रताप सिंह, पुलिस विभाग की तरफ से ए.एस.पी. रमन शर्मा, डी.एस.पी.चम्बा ने दिवंग्त नेता का अंतिम श्रद्धांजली दी।
अपने प्रिय नेता के अंतिम दर्शन करने व विदाई देने के लिए भारी तादाद में लोगों की भीड़ मौजूद रही। मोहन लाल के पार्थिव शरीर को लेकर उनके परिवार के सदस्य शुक्रवार की शाम को जालंधर से अपने सरोल आवास पहुंचे। शनिवार की सुबह 10 बजे उनकी अंतिम यात्रा घर से शमशान घाट के लिए निकली। इस मौके पर मौजूद मोहन लाल के चाहने वालों की आंखों में आंसू देखे गए तो साथ ही शमशान घाट पहुंचने पर पुलिस ने पूर्व मंत्री को गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार जवाहर नवोदय विद्यालय के समीप रावी नदी के तट पर किया गया। शमशाम घाट पर बंदूकों के साथ हवाई फायर करके सलामी दी। इस मौके पर विधानसभा उपाध्यक्ष ने कहा कि मोहन लाल के जाने से जिला चम्बा के साथ-साथ भाजपा को भारी क्षति पहुंची है। सदर विधायक पवन नैयर ने कहां कि मोहन लाल ने बेहद सादगी व ईमानदारी के साथ अपना राजनैतिक जीवन जिया। यही वजह है कि आज इतनी बड़ी संख्या में लोग अपने इस प्रिय नेता को अंतिम विदाई देने पर आए है।
भरमौर विधायक जियालाल कपूर ने कहा कि मोहन लाल ने पार्टी के जिला अध्यक्ष से लेकर राज्य मंत्री तक के पद पर कार्य किया और हमेशा पार्टी के हित व पार्टी कार्यकर्ताओं के हितों की खातिर काम किया। गौरतलब है कि 30 मई 1945 को पैदा हुए मोहन लाल ने 1977 में राजनीति के क्षेत्र में प्रवेश किया था और कई बार चुराह विधानसभा क्षेत्र (पूर्व में राजनगर) का प्रतिनिधित्व किया। वे प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल की सरकार में आयुर्वेद राज्यमंत्री रहे थे। वे अपने पीछे दो बेटे व दो बेटियां गए हैं। उनकी पत्नी का कुछ वर्ष पूर्व देहांत हो चुका है।