नगर परिषद डल्हौजी के पूर्व उपाध्यक्ष ने पार्टी के फैसले को लेकर रोष जताया
चम्बा, 26 मई (विनाेद): प्रदेश भाजपा हाई कमान ने अंजू धीमान मामले में जल्द कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया तो पार्टी को आने वाले विधानसभा चुनाव में अनुसूचित जाति वर्ग के रोष का सामना करना पड़ेगा। डल्हौजी नगर परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष प्रवीण गाची ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि बेहद हैरान करने वाली बात है कि अनुशासन की दुहाई देकर भाजपा जिला महिला मोर्चा की उपाध्यक्ष अंजू धीमान को बिना कारण बताओ नोटिस जारी किए उसे पार्टी से निष्कासित करने के फरमान सुनाए गए। जो सरासर भाजपा पार्टी के संविधान की अवहेलना है। उन्होंने कहा कि हैरान करने वाली बात है कि जिस महिला कार्यकर्ता ने संगठन में महिलाओं की सक्रियता व सदस्या बढ़ाने में अहम महत्वपूर्ण भूमिका निभाई उसी पार्टी पदाधिकारी को पार्टी ने वगैर बातचीत किए ही पद से हटाने का फरमान सुना दिया। प्रवीण ने कहा कि अंजू धीमान जिस समुदाय या वर्ग के साथ संबन्ध रखती है उसकी डल्हौजी विधानसभा क्षेत्र के साथ-साथ जिला चम्बा में अनदेखी नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि अंजू धीमान के मामले में जिस तरह से पार्टी ने फरमान सुनाया उससे ऐसा लगता है कि पार्टी प्रदेश हाईकमान के साथ भाजपा संविधान को दरकिनार करके महज अपनी रंजिश निकालने का काम किया गया। उन्होंने कहा कि अंजू धीमान को पार्टी से निष्कासित करने से अनुसूचित वर्ग को भारी ठेस पहुंची है। उन्होंने कहा कि भाजपा के इस कारनामे ने विरोधी दलों को भाजपा के खिलाफ अनुसूचित वर्ग को लेकर मुंह खोलने का मौका दे दिया है। अंजू धीमान ने किन परिस्थितियों में कुछ कहा इस बात का पता लगाया जाना बेहद जरुरी था। साथ ही अंजू ने अपने विचार किस वजह से सोशल मीडिया में रखे इस बात का भी पता लगाया जाया। कहीं ऐसा तो नहीं कि बार-बार कहें जाने के बाद भी कोई उसकी सुन नहीं रहा था या उसकी बातों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा था। इन तमाम सवालों का जवाब पूछे व जाने वगैर अंजू धीमान के खिलाफ इस प्रकार की कार्रवाई पूरी तरह से एकतरफा कार्रवाई है जो कि भाजपा के संविधान के विरूद्ध है। ऐसे में इस वर्ग की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए प्रदेश भाजपा हाईकमान इस मामले की स्वयं जांच करे और अंजू धीमान के निष्कासन को वापिस लिया जाए तो साथ किसने कहने पर यह सब कार्रवाई की जाए इस बात की भी जांच की जाए। गौरतलब है कि बीते दिनों किसी बात को लेकर महिला जिला मोर्चा की उपाध्यक्ष अंजू धीमान ने अपने पद को छोड़ने की बात कही थी। इस पर पार्टी ने उसके खिलाफ संज्ञान लेते हुए उसे पार्टी के पद से निष्कासित कर दिया था। तभी से यह मामला सुर्खियों में बना हुआ है। अब नगर परिषद डल्हौजी के पूर्व उपाध्यक्ष का अंजू धीमान के समर्थन में आने से यह मामला फिर से गरमा गया है।