बिजली संशोधन बिल 2021 के खिलाफ कर्मचारी संगठन सड़क पर उतरे

हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड एम्पलाइज यूनियन चंबा द्वारा जिला मुख्यालय में धरना प्रदर्शन व रैली की

चंबा, 3 फरवरी (विनोद): बिजली संशोधन बिल 2021 के खिलाफ बुधवार को हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड एम्पलाइज यूनियन चंबा द्वारा जिला मुख्यालय में धरना प्रदर्शन व रैली का आयोजन किया गया। इस रैली के माध्यम से जहां बिजली संशोधन बिल 2021 की खामियों को लेकर जानकारी दी गई तो साथ ही यूनियन ने नई पेंशन प्रणाली को समाप्त कर पुरानी पेंशन व्यवस्था को फिर से बहाल करने की भी मांग की। यूनियन ने यह भी मांग की है कि केंद्र शासित प्रदेशों व राज्यों के सरकारी क्षेत्र की बिजली कंपनियों के निजीकरण को बंद किया जाए। इस धरना प्रदर्शन का आयोजन यूनियन के राज्य मुख्य सलाहकार अनिल कुमार वर्मा की अगुवाई में किया गया।

तेलंगाना की तर्ज पर बिजली क्षेत्र में लगे सभी आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमित करने और बिजली के क्षेत्र में खाली पड़े पदों पर नियमित भर्ती करने जैसे मामलों को भी यूनियन ने प्रमुखता के साथ उठाया। अधिशासी अभियंता विद्युत बोर्ड चंबा के कार्यालय परिसर के सम्मुख यूनियन द्वारा धरना प्रदर्शन कार्यक्रम का आयोजन किया गया जहां यूनियन के पदाधिकारियों व सदस्यों ने जमकर नारेबाजी की। इसके पश्चात यूनियन ने जिला मुख्यालय के मुख्य बाजार में रैली निकाली और इसके उपरांत उपायुक्त चंबा के माध्यम से प्रदेश सरकार को इस संदर्भ में एक मांग पत्र भेजा। यूनियन के राज्य संयुक्त सचिव मुकेश कुमार ने कहा कि बिजली संशोधन बिल 2021 में बिजली बोर्ड के निजीकरण की बात शामिल है और अगर ऐसा होता है तो बिजली उपभोक्ताओं को इसका भारी आर्थिक नुकसान झेलने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि निजीकरण होने पर वर्तमान में मिलने वाली क्रॉस सब्सिडी समाप्त हो जाएगी और बिजली के दाम आसमान छू लेंगे। इस धरना प्रदर्शन में विद्युत पेंशनर संघ के आत्माराम, जेई एसोसिएशन के इंजीनियर जयेश, इंजीनियर प्रियंका शर्मा, विनीत ठाकुर, पावर इंजीनियर एसोसिएशन राज सिंह, अजय भारद्वाज, एनपीएसईए अध्यक्ष सुनील जरियाल, आउट सोर्स से ललित शर्मा, अनिल वर्मा, दरबारी लाल, मुकेश कुमार, रवि कुमार प्रताप चौहान व आत्माराम सहित विद्युत उप मंडल नंबर- 1, नंबर-2, एच.आई.डी. चंबा, विद्युत उपमंडल भरमौर, राख, तीसा व कोटि के कर्मचारी शामिल रहे।