8:13 pm, Saturday, 21 December 2024

पर्यटक पहाड़ों से दूरी बनाने को मजबूर

होटल, रेस्तरा सहित टैक्सी चालकों को धंधा पूरी तरह से ठप्प पड़ा हुआ
कोविड ने लगातार दूसरे वर्ष पर्यटन व्यवसाएं की कमर तोड़ दी
होटल व रेस्तरा संचालकों को बैंक की किश्तें देने के लाले पड़े
चम्बा, 18 मई (विनोद): लगातार दूसरे वर्ष पर्यटक पहाड़ों से दूरी बनाने को मजबूर है। इस वजह से प्रदेश के पर्यटन व्यवसाएं की तो कम ही टूट गई है। लगातार यह दूसरा वर्ष है जब लोग पहाड़ों से दूरी बनाने के लिए मजबूर है। ऐसे में होटल व रेस्तरा संचालकों को बैंक की किश्तें देने के लाले पड़ गए हैं। पर्यटकों की यह दूरी यहां के पर्यटन व्यवसाएं पर इस कदर भारी पड़ी है कि होटल, रेस्तरा सहित टैक्सी चालकों को धंधा पूरी तरह से ठप्प पड़ा हुआ है। जिला चम्बा की बात करे तो यहां के पर्यटन क्षेत्र डल्हौजी, खजियार व चम्बा पूरी तरह से इन दिनों सुनसान पड़ा हुआ है। बीते वर्ष भी कोविड की इस महामारी की वजह से लगभग इस प्रकार की ही स्थिति देखने को मिली थी। पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोग लगातार दूसरे वर्ष भी इस त्रास्दी के चलते खासे चिंतित हैं। जिला के पर्यटन स्थल खजियार व डल्हौजी की बात करे तो यहां का पूरा कारोबार पर्यटन पर ही आश्रित है। चाहे दुकानदार हों या टैक्सी चालक, हर किसी का चूल्हा पर्यटन व्यवसाय पर निर्भर करता है। बीते वर्ष पर्यटन सीजन भले कोविड की भेंट चढ़ गया था लेकिन साल के अंत यानी दिसम्बर में कोरोना की रफ्तार थम जाने से खजियार व डल्हौजी के पर्यटन व्यवसायियों को 2021 में अच्छे पर्यटन व्यवसाय की उम्मीद जगी थी। इस वर्ष की शुरुआत में आने वाले पर्यटन सीजन को लेकर फरवरी से होटलों की मरम्मत और रंग-रोगन का कार्य भी शुरू कर दिया था परंतु मार्च में कोरोना की दूसरी लहर ने तो यहां के पर्यटन व्यवसाय की कमर तोड़ दी है। जिला के इन पर्यटन स्थलों पर इन दिनों पांव धरने तक की जगह नहीं होती थी तो सभी होटल व रेस्तरा सैलानियों से पूरी तरह पैक रहते थे। लेकिन दो वर्षों से तो अब यहां के लोग सैलानियों को तरसते रहें है। हालत यह है कि कारोबार के ठप्प होने की वजह से अब इन होटल व रेस्तरा व्यवसायियों को बैंक की किस्तें निकालना कठिन हो गया है।
क्या कहते हैं पर्यटन व्यवसायी
होटल एसोसिएशन के उपाध्यक्ष कर्ण मोंगा का कहना है कि इस साल भी कोरोना की मार से होटल कारोबारियों को करोड़ों की चपत लगी है। डल्हौजी के पर्यटन व्यवसायी आशीष चड्ढा, संजय कुमार, अमन महिंद्रू और दीपक गंडोत्रा ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते डल्हौजी में पर्यटन व्यवसाय लगातार दूसरे वर्ष कोविड की भेंट चढ़ा है। पर्यटन व्यवसाय को करोड़ों का नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि पर्यटन के प्रभावित होने से लोगों की रोज रोजी पर भी असर पड़ा है। कई लोग पर्यटन व्यवसाय के माध्यम से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से जुड़े हुए हैं।
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VINOD KUMAR

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पर्यटक पहाड़ों से दूरी बनाने को मजबूर

Update Time : 04:55:55 pm, Tuesday, 18 May 2021
होटल, रेस्तरा सहित टैक्सी चालकों को धंधा पूरी तरह से ठप्प पड़ा हुआ
कोविड ने लगातार दूसरे वर्ष पर्यटन व्यवसाएं की कमर तोड़ दी
होटल व रेस्तरा संचालकों को बैंक की किश्तें देने के लाले पड़े
चम्बा, 18 मई (विनोद): लगातार दूसरे वर्ष पर्यटक पहाड़ों से दूरी बनाने को मजबूर है। इस वजह से प्रदेश के पर्यटन व्यवसाएं की तो कम ही टूट गई है। लगातार यह दूसरा वर्ष है जब लोग पहाड़ों से दूरी बनाने के लिए मजबूर है। ऐसे में होटल व रेस्तरा संचालकों को बैंक की किश्तें देने के लाले पड़ गए हैं। पर्यटकों की यह दूरी यहां के पर्यटन व्यवसाएं पर इस कदर भारी पड़ी है कि होटल, रेस्तरा सहित टैक्सी चालकों को धंधा पूरी तरह से ठप्प पड़ा हुआ है। जिला चम्बा की बात करे तो यहां के पर्यटन क्षेत्र डल्हौजी, खजियार व चम्बा पूरी तरह से इन दिनों सुनसान पड़ा हुआ है। बीते वर्ष भी कोविड की इस महामारी की वजह से लगभग इस प्रकार की ही स्थिति देखने को मिली थी। पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोग लगातार दूसरे वर्ष भी इस त्रास्दी के चलते खासे चिंतित हैं। जिला के पर्यटन स्थल खजियार व डल्हौजी की बात करे तो यहां का पूरा कारोबार पर्यटन पर ही आश्रित है। चाहे दुकानदार हों या टैक्सी चालक, हर किसी का चूल्हा पर्यटन व्यवसाय पर निर्भर करता है। बीते वर्ष पर्यटन सीजन भले कोविड की भेंट चढ़ गया था लेकिन साल के अंत यानी दिसम्बर में कोरोना की रफ्तार थम जाने से खजियार व डल्हौजी के पर्यटन व्यवसायियों को 2021 में अच्छे पर्यटन व्यवसाय की उम्मीद जगी थी। इस वर्ष की शुरुआत में आने वाले पर्यटन सीजन को लेकर फरवरी से होटलों की मरम्मत और रंग-रोगन का कार्य भी शुरू कर दिया था परंतु मार्च में कोरोना की दूसरी लहर ने तो यहां के पर्यटन व्यवसाय की कमर तोड़ दी है। जिला के इन पर्यटन स्थलों पर इन दिनों पांव धरने तक की जगह नहीं होती थी तो सभी होटल व रेस्तरा सैलानियों से पूरी तरह पैक रहते थे। लेकिन दो वर्षों से तो अब यहां के लोग सैलानियों को तरसते रहें है। हालत यह है कि कारोबार के ठप्प होने की वजह से अब इन होटल व रेस्तरा व्यवसायियों को बैंक की किस्तें निकालना कठिन हो गया है।
क्या कहते हैं पर्यटन व्यवसायी
होटल एसोसिएशन के उपाध्यक्ष कर्ण मोंगा का कहना है कि इस साल भी कोरोना की मार से होटल कारोबारियों को करोड़ों की चपत लगी है। डल्हौजी के पर्यटन व्यवसायी आशीष चड्ढा, संजय कुमार, अमन महिंद्रू और दीपक गंडोत्रा ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते डल्हौजी में पर्यटन व्यवसाय लगातार दूसरे वर्ष कोविड की भेंट चढ़ा है। पर्यटन व्यवसाय को करोड़ों का नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि पर्यटन के प्रभावित होने से लोगों की रोज रोजी पर भी असर पड़ा है। कई लोग पर्यटन व्यवसाय के माध्यम से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से जुड़े हुए हैं।