पंचायत पर पति-पत्नि का कब्जा।

विकास कार्यों के दम पर जीत का नया रिकार्ड बनाया।

चंबा की आवाज: खुद प्रधान पद पर खूब कार्य किया लेकिन इस बार प्रधान पद की सीट महिला के लिए आरक्षित होने के कारण अपनी पत्नी को चुनावी मैदान में उतारा और खुद उपप्रधान पद के लिए चुनाव मैदान में उतरे। दोनों की जीत ने एक नया रिकॉर्ड बनने का काम कर दिया। यही नहीं इस जीत ने इस दंपत्ति को इस बार के पंचायती चुनाव का आकर्षण बना दिया है। हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी के गोहर विकासखंड की शाला पंचायत से यह दिलचस्प खबर सामने आई है। जानकारी के मुताबिक यहां पति-पत्नी ने प्रधान व उपप्रधान पद पर जीत हासिल की है। इससे पंचायत में खुशी का माहौल है। यहां पर मीनाक्षी ठाकुर प्रधान बनी, जबकि इनके ही पति राजकुमार ठाकुर पंचायत के उपप्रधान बने हैं। बताया जा रहा है कि राजकुमार ठाकुर इससे पहले यहां प्रधान पद पर आसीन थे और पंचायत के लिए उन्होंने 5 करोड़ से अधिक विकास कार्य करवाए, लेकिन, इस चुनाव में प्रधान पद की सीट महिला के लिए आरक्षित होने के कारण इन्होंने अपनी पत्नी को चुनावी मैदान में उतारा। जिन्होंने जीत भी हासिल कर ली है। वहीं राजकुमार ठाकुर खुद उप प्रधान पद के लिए चुनाव लड़ रहे थे, इन्होंने भी जीत हासिल की है।

मनरेगा के तहत 5 करोड़ से अधिक के काम

मनरेगा के माध्यम से पंचायत के विकास के साथ अपनी जीत की नींव रखी। बता दें कि गोहर पंचायत मनरेगा में किए गए अद्भुत कार्यों के दम पर दूसरी पंचायतों के लिए विकास की एक मिसाल बन गई है। यहां मनरेगा के तहत 2019-20 में रिकॉर्ड 5 करोड़ से अधिक कार्य हुए हैं। इन कार्यों के माध्यम से पंचायत के लोगों को रोजगार मिला तो साथ ही पंचायत में विकास कार्यों को अंजाम दिया गया। इस दंपत्ति की जीत का आधार यही से तैयार हुआ।

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