जब पेड़ से बरसने लगे 500-500 के नोट

एक पेड़ से 500-500 के नोटों की बारिश होनी लगी तो मौके पर मौजूद लोगों में लूटने के लिए अफरातफरी मच गई। जैसे-जैसे इस बारे आसपास के क्षेत्रों में इस बारे जानकारी पहुंचती गई तो उक्त स्थान पर लोगों का हुजूम उमड़ता गया। विकास भवन स्थित रजिस्ट्री दफ्तर के बाहर पेड़ के पास कुछ ही देर में लोगों का भारी जमावड़ा जुट गया। पता चला कि एक बुजुर्ग के पास से नोटों की गड्डी लेकर बंदर पेड़ पर भाग गया है। किसी तरह लोगों ने रुपये इकट्ठा किये और बुजुर्ग को सौंप दिया। इससे पहले आगरा में भी इसी तरह की एक घटना हुई थी। रजिस्ट्री कार्यालय पर जमीन बेचकर बाहर निकले बुजुर्ग के हाथ में नोटों की गड्डियां देखकर बंदर ने खाने की चीज समझी और झपट्टा मार कर छीन लिया।। इससे पहले कि कोई कुछ कर पता वह 500 रुपये की गड्डी लेकर पेड़ पर चढ़ गया। पेड़ से ही वह नोटों की बारिश करने लगा। बंदर की इस करतूत का कुछ लोगों ने वीडियो भी बनाना शुरू कर दिया। मामला उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिला के शहर कोतवाली क्षेत्र के विकास भवन परिसर स्थित रजिस्ट्री कार्यालय का है। बताया जाता है कि खैराबाद कस्बे के ग्राम कासिमपुर निवासी भगवानदीन ने अपने बेटे के इलाज के लिए गांव के ही एक व्यक्ति को जमीन बेची थी। पीड़ित भगवानदीन के मुताबिक जब रजिस्ट्री कार्यालय आकर उन्होंने जमीन की रजिस्ट्री कराई तो उन्हें जमीन के बदले 1 लाख रुपये मिले थे। बुजुर्ग जब तक पैसे समेटकर बैग में रख पाते, तब तक वहां बैठे बंदर ने खाने की चीज समझकर 500 के नोटों की एक गड्डी उठा ली और पेड़ पर चढ़ गया। पेड़ से नोटों की गड्डी खोलकर नीचे गिराने लगा। नोट गिरता देख लोग लूटने लगे। काफी लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। पेड़ से अचानक नोटों की बारिश होते देखकर लोगों से बुजुर्ग ने मदद की गुहार की। लोगों ने भी उनकी मदद की और जमीन पर बिखरे नोटों को समेटकर बुजुर्ग को सौंपा। लोगों ने लाठी-डंडों के सहारे बंदर खदेड़ा तो वह नोटों की गड्डी छोड़कर भाग गया। बुजुर्ग के मुताबिक तकरीबन 7 हजार के नोट खराब हुए हैं या फट गए हैं। बुजुर्ग का कहना है कि उसने यह जमीन अपने बेटे के इलाज के लिए बेची थी, क्योंकि वह गंभीर बीमारी से पीड़ित है।