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चीन में शिक्षा ग्रहण करने वाले भारतीय छात्रों के लिए मुसीबत की घड़ी

चीन ने वापिस आने की अनुमित देने से इंकार किया

बीजिंग: चीन में पढ़ाई करने वाले भारतीय बच्चों के अभिभावकों के लिए चिंता की बात है कि काेरोना वायरस के चलते चीनी विश्वविद्यालयों में पढ़ने के लिए दाखिला ले चुके भारतीय छात्र-छात्राओं के साथ अन्य देशों के छात्र-छात्राओं को वापिस चीन में आने की अनुमति नहीं दे रहा है। बीजिंग ने ऐसे छात्र-छात्राओं को अपने चीन के विश्वविद्यालयों के साथ संपर्कमें रहने और उनके द्वारा जारी किए जाने वाले निर्देशों का पालन करते हुए ऑन लाईन पढ़ाई करने को कहा है। इस बारे में सोमवार को भारतीय दूतावास ने कहा कि व हउन हजारों भारतीय छात्रों की चिंताओं को लेकर चीनी अधिकारियों के साथ संपर्क में है, जो कि बीजिंग द्वारा लगाए गए कोविड-19 प्रतिबंधों की वजह से अपने देश में फंस गए हैं और चीन में स्थित विश्वविद्यालयों में वापस नहीं आ पा रहें हैं। जानकारी के अनुसार 23 हजार से ज्यादा भारतीय विद्यार्थी चीन के इस निर्णय से प्रभावित हुए है। गौर हो कि चीन में भारी भरकम शुल्क देकर पढ़ाई करने के लिए भारतीय वहां का रूख करते है और इस समय चीन में 4 लाख 40 हजार से अधिक विदेशी छात्र शिक्षा प्राप्त करते है। जिनमें भारतीय भी शामिल है।

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VINOD KUMAR

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चीन में शिक्षा ग्रहण करने वाले भारतीय छात्रों के लिए मुसीबत की घड़ी

Update Time : 08:35:18 am, Tuesday, 23 March 2021

चीन ने वापिस आने की अनुमित देने से इंकार किया

बीजिंग: चीन में पढ़ाई करने वाले भारतीय बच्चों के अभिभावकों के लिए चिंता की बात है कि काेरोना वायरस के चलते चीनी विश्वविद्यालयों में पढ़ने के लिए दाखिला ले चुके भारतीय छात्र-छात्राओं के साथ अन्य देशों के छात्र-छात्राओं को वापिस चीन में आने की अनुमति नहीं दे रहा है। बीजिंग ने ऐसे छात्र-छात्राओं को अपने चीन के विश्वविद्यालयों के साथ संपर्कमें रहने और उनके द्वारा जारी किए जाने वाले निर्देशों का पालन करते हुए ऑन लाईन पढ़ाई करने को कहा है। इस बारे में सोमवार को भारतीय दूतावास ने कहा कि व हउन हजारों भारतीय छात्रों की चिंताओं को लेकर चीनी अधिकारियों के साथ संपर्क में है, जो कि बीजिंग द्वारा लगाए गए कोविड-19 प्रतिबंधों की वजह से अपने देश में फंस गए हैं और चीन में स्थित विश्वविद्यालयों में वापस नहीं आ पा रहें हैं। जानकारी के अनुसार 23 हजार से ज्यादा भारतीय विद्यार्थी चीन के इस निर्णय से प्रभावित हुए है। गौर हो कि चीन में भारी भरकम शुल्क देकर पढ़ाई करने के लिए भारतीय वहां का रूख करते है और इस समय चीन में 4 लाख 40 हजार से अधिक विदेशी छात्र शिक्षा प्राप्त करते है। जिनमें भारतीय भी शामिल है।