चंबा,( विनोद): हिमाचल के चंबा में मक्का की फसल पर खतरा पैदा हो गया है क्योंकि साहो क्षेत्र में फॉल आर्मीवर्म का हमला हुआ जो किसानों की मेहनत चट कर रहा है। ऐसे में कृषि विभाग खेतों में पहुंचा और फसल में मौजूद बीमारी का पता लगाकर उपचार विधि बताई। शनिवार को जिला चंबा के कृषि उपनिदेशक डॉ कुलदीप धीमान ने साहो क्षेत्र का दौरा कर वहां खेतों में खड़ी मक्की की फसल को जांचा। विभाग ने बताया कि साहू गांव में मक्की के खेतों में फॉल आर्मीवर्म का प्रकोप देखने को मिला।
उप निदेशक कृषि डॉ कुलदीप धीमान ने बताया कि यह कीट मक्की की फसल को बहुत नुकसान पहुंचाता है। उन्होंने बताया स्थानीय किसानों ने दूरभाष से संपर्क कर अपनी फसल की खस्ता हालत के बारे में बताया था जिस पर स्वयं खेतों में जाकर इसकी जांच करने का फैसला लिया। धीमान ने बताया की साहू गांव में किसानों की फसल का निरीक्षण किया जिसमें यह बीमारी देखने को मिली।
उन्होंने बताया कि यह कीट पहले रात के समय मक्का के पत्तों को खाता है और उसके बाद मक्का के पूरे पौधे को समाप्त कर देता है। धीमान ने किसानों को इस रोग से निजात पाने की विधि बारे बताया जिसके तहत इस कीट की रोकथाम के लिए किसान 5 मिलीलीटर कोराजेन नामक कीटनाशक 15 लीटर पानी मे घोल कर स्प्रे करें। यह कीटनाशक कृषि विभाग में अनुदान पर उपलब्ध है।
ये भी पढ़ें: चंबा के रैगिंग के खिलाफ सौगंध खाई।
किसानों को जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि इस कीट के नियंत्रण के लिए 30 मिलीलीटर क्लोरोपायरीफ़ॉस 20 ई०सी० रसायन को 15 लीटर पानी में घोल कर या 7-8 ग्राम इमामेक्टिन बेंजोएट 5 एस.जी. रसायन को 15 लीटर पानी में घोल कर स्प्रे करें। इस स्प्रे से मक्की की फसल खराब होने से बचाई जा सकती है। गौरतलब है कि चंबा के साहो क्षेत्र में मक्की की भारी पैदावार होती है लेकिन मौजूदा समय में बीमारी से खराब हो रही फसल के कारण यहां का किसान चिंतित था जिसका निवारण कृषि विभाग की इस टीम ने कर दिया।