कांग्रेस की मांग पर मुख्यमंत्री ने यह कहा तो यह सांसद भी बोले
शिमला, 19 मार्च(ब्यूरो): हिमाचल के सांसद रामस्वरूप की संदिग्ध हालत में हुई आत्म हत्या के मामले को लेकर जितने मुंह उतनी बातों की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में इस मामले की सच्चाई का पता लगाया जाना बेहद जरुरी है। दिवंग्त सांसद की आत्म हत्या को लेकर पूरे देश में कई प्रकार की चर्चाओं का बाजार गर्मा गया है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस ने इस पूरे मामले की सी.बी.आई. से जांच करवाने की सरकार से मांग की है। कांग्रेस की इस मांग पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि सी.बी.आई. जांच करवाने की मांग केंद्र से करने में उन्हें कोई दिक्कत नहीं है बशर्ते दिवंग्त सांसद का परिवार अगर ऐसी जांच करवाना चाहता है तो ही यह संभव है। शुक्रवार को प्रश्नकाल के समाप्त होने पर नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने प्रश्नकाल के समाप्त होने के बाद पॉइंट ऑफ आर्डर के तहत हिमाचल के सांसद राम स्वरूप शर्मा की आत्म हत्या का मामला सदन में उठाया और कहा कि जिस तरह से सांसद संदिग्ध परिस्थितियों में मिले है उसके बाद प्रदेश में कई प्रकार की चर्चाएं हो रही है। उन्होंने कहा कि दिवंग्त सांसद के बगल में रहने वाले उपेंद्र रावत ने भी इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता को अपने प्रिय सांसद की आत्म हत्या के कारणों को पता चलना चाहिए। उन्होंने कहा कि रामस्वरूप शर्मा प्रदेश के 17 लाख लोगों का संसद में प्रतिनिधित्व करते थे। ऐसे में उनकी आत्म हत्या से जुड़ी सच्चाई सबके सामने आनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की आत्म हत्या की सी.बी.आई. जांच हो सकती है तो सांसद की आत्म हत्या की जांच क्यों नहीं हो सकती है। इस पर संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने जबाव देते हुए कहां कि दिल्ली पुलिस इस मामले की जांच में जुटी हुई है।उन्होंने कहा कि अगर आवश्यकता हुई या फिर परिवार के सदस्यों ने इस जांच की मांग की तो प्रदेश सरकार केंद्र से सी.बी.आई. की जांच करने की मांग जरुर करेगी। मुख्यमंत्री ने कहां कि दिल्ली पुलिस अपने स्तर पर मामले की गहनता के साथ जांच कर रही है और अभी इस मामले पर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। उन्होंने कहां कि सोशल मीडिया में भी तथ्यहीन टिप्पणी करना बेहद गलत है। मुख्यमंत्री ने कहां कि परिवार से इस बारे में बात हुई तो उन्होंने कहा है कि स्वास्थ्य ही कारण लग रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिवंग्त सांसद के परिवारजनों ने बताया कि वे काफी शारीरिक रूप से कमजोर हो चुके थे और कायाकल्प पालमपुर में उन्होंने कुछ दिनों तक स्वास्थ्य लाभ लिया। उन्होंने कहा कि अभी तक पोस्टमार्टम की रिपोर्ट भी नहीं आई है। इसलिए इस मामले में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही कोई निर्णय लिया जा सकता है।