पांगी में बर्फबारी ने कहर बरपाया

सरकार व प्रशासन से प्रभावितों ने शीघ्र राहत की मांग की

पांगी, (किशन चंद राणा): पांगी घाटी में हुई बर्फबारी ने यहां बागवानों की मानों कमर तोड़ दी है। इस बार की सर्दियों ने इस तरह से दस्तक दी है कि बागवानों को इस वजह से भारी आर्थिक नुक्सान पहुंचा है। अक्तूबर माह के अंतिम पड़ाव में घाटी में हुई बर्फबारी की वजह से सेब की फसल को बेहद नुकसान पहुंचा है। अभी तक जो जानकारी मिली है उसके अनुसार घाटी की कम से कम 50 प्रतिशत सेब की फसल पूरी तरह से हिमपात की भेंट चढ़ी है।
टूटा सेब का पेड़

हिमपात की वजह से टूटे सेब के पेड़ को उठाता प्रभावित बागवान

इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पांगी घाटी की फिंडरू पंचायत जहां सबसे कम बर्फ दर्ज होती है वहां बीते शनिवार को आधा फुट बर्फ दर्ज हुई है। इस पंचायत के वार्ड फिंडपार में हिमपात ने तो बागवानों पर कहर बरपाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
जानकारी इस पंचायत में लोगों की आय का प्रमुख स्त्रोत सेब है। बीते कुछ वर्षों से यहां के लोग बागवानी के माध्यम से अपनी आर्थिक को मजबूत करने के लिए सेब की फसल पर पूरी तरह से आश्रित है। ऐसे में शनिवार को भारी हिमपात होने के कारण यहां सेब से लदे 50 से 80 प्रतिशत तक सेब के पेड़ टूट गए है।
 टूटा सेब का पेड़

पांगी घाटी में बर्फबारी की वजह से टूटा सेब का पेड़

फिंडपार वार्ड के रहने वाले कमल राणा, शेर सिंह, प्रेम सिंह, पंकज, सुभाष चंद, नैनो देवी, काकू राम, पीपन लाल, ठाकुर लाल, देवी सिंह, लेखराज, प्रकाश चंद व लोक चंद का कहना है कि पांगी घाटी में अभी तक कुछ गांवों में सेब की फसल को पेड़ों से उतारा नहीं था।
इतनी अधिक मात्रा में बर्फ गिरने की वजह से पेड़ उसका बोझ झेल नहीं पाए। इस कारण सेब के पेड़ों को बुरी तरह से नुकसान पहुंचा है। इस बर्फबारी के कारण पांगी के बागवानों की वर्षों की मेहनत पूरी तरह से बर्बाद हो गई है।
बर्फबारी की भेंट चढ़ा सेब का पेड़

बर्फबारी की भेंट चढ़ा सेब का पेड़

इस स्थिति में अब प्रभावित बागवानों को प्रदेश सरकार से ही आर्थिक राहत की उम्मीद शेष बची है। इन लोगों का कहना है कि अगर सरकार ने बागवानों के ऊपर बर्फ के रूप में गिरी आफत से राहत दिलाने के लिए मदद का हाथ आगे नहीं बढ़ाया तो प्रभावित इस मुसीबत से पार नहीं पा सकेंगे।
फिंडरू पंचायत प्रधान ईश्वर दत्त व उपप्रधान इंद्रपाल ने इस बात की पुष्टि की है कि बीते शनिवार को पांगी घाटी में जो भारी बर्फ गिरी। उस वजह से उनकी पंचायत के कई बागवानों को भारी नुकसान पहुंचा है। उन्होंने सरकार व प्रशासन से प्रभावित बागवानों को शीघ्र आर्थिक मदद करने की मांग है।
यह बात सही है कि इस बार पांगी घाटी में हिमपात बेहद जल्द हो गया है। घाटी के कई क्षेत्रों में सेब की फसल अभी तक पेड़ पर ही थी। इस वजह से घाटी के बागवानों की फसल व पेड़ों को बेहद नुकसान पहुंचा है। जल्द ही ऐसे प्रभावित क्षेत्रों में नुकसान का जायजा लेने के लिए टीमें भेजी जाएंगी। नुकसान की रिपोर्ट आने के बाद प्रभावितों को सरकारी नियमों के तहत राहत पहुंचाने की दिशा में प्रभावी कदम उठाए जाएंगे।
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