Ban on mining in Chamba : सरकार के आदेश के बावजूद जिला चंबा में खनन धड़ल्ले से हो रहा है। खनन पर लगाम कसने के लिए जिन विभागों को शक्तियां प्रदान की गई हैं वे मूकदर्शक बने हुए है।
चंबा, ( विनोद ) : मानसून में खनन पर रोक लगाने के हिमाचल सरकार ने आदेश जारी कर रखे हैं इसके बावजूद जिला चंबा में धड़ल्ले से यह धंधा चला हुआ है। जिला चंबा के नदी-नालों के किनारों के साथ उनके बीच में जाकर लोगों को खनन करते हुए देखा जा सकता है। कुछ लोग रात के अंधेरे में इस काम को अंजाम दे रहें हैं। बरसात का मौसम(rainy season) में खनन पर रोक लगाने के सरकारी आदेश पूरी तरह से बेअसर दिख रहे हैं।
इस बात का प्रमाण जिला मुख्यालय से चंद किलोमीटर की दूरी पर रावी नदी के राजपुरा व उदयपुर छोर पर देखे जा सकते हैं। राजपुरा में हालांकि वैध खनन है लेकिन वहां पर भी रावी के किनारे मशीनों को खनन करते देखा जा सकता है। उदयपुर में तो पूरी तरह से अवैध खनन रात के अंधेरे में पूरे जोर शोर से चलता है। शाम का अंधेरा होते ही पठानकोट-चंबा-भरमौर एनएच पर उदयपुर के समीप रेत से भरे ट्रैक्टरों की लाईन चलती देखी जा सकती है।
हैरान करने वाली बात है कि उदयपुर में जहां पर रावी किनारे अवैध खनन(Illegal mining) पूरजोर ढंग से चलता है उससे चंद मीटर की दूरी पर वन मंडल डल्हौजी के बी.ओ. का कार्यालय मौजूद है। यही तस्वीर कोटी-सलूणी मार्ग(Koti-Salooni route) पर बैरा-स्युल(Baira-Seul) नदी पर कोटी पुल के पास देखने को मिलती है। हैरान करने वाली बात है कि उपरोक्त दोनों मार्गों से हर दिन कई विभागों के अधिकारी गुजरते हैं बावजूद इसके सरेआम अवैध खनन(Illegal mining) का यह काम निसंदेह प्रशासन की सक्रियता पर बड़ा सवाल पैदा करता है।
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उपरोक्त दोनों स्थानों पर हो रहे अवैध खनन को देख लोग यह कहने को मजबूर हैं कि सरकार अवैध खनन को रोकने के लिए जो दावे करती है उन दावों में कहीं ना कहीं ईमानदारी की कमी नजर आती है। हैरान करने वाली बात है कि सरकार ने अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए कई विभागों को कार्रवाई की शक्तियां प्रदान कर रखी है लेकिन जिस प्रकार से बरसात का मौसम में खनन हो रहा है उससे यह आभास होता है कि किन्हीं कारणों से खनन माफिया पर कार्रवाई करने में यह विभाग नामाक है।
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