12:03 pm, Sunday, 22 December 2024

जहर खाने को पूर्व सैनिक की पत्नी, मां और बेटी मजबूर हुई

आर्थिक तंगी के चलते अपनी बड़ी बेटी को कनाडा नहीं भेज पाने से दुखी थी

चंबा की आवाज-: हालातों ने इस कदर मजबूर किया कि जहर खाने को पूर्व सैनिक की पत्नी, मां और बेटी मजबूर हुई मलेरकोटला में शनिवार को एक ही परिवार के तीन सदस्यों ने सुसाइढ कर लिया। जानकारी अनुसार पंजाब के इस नए जिले की पहली महिला नम्बरदार सुखविंदर कौर आर्थिक तंगी के चलते अपनी बड़ी बेटी को कनाडा नहीं भेज पाने से दुखी थी। इसी के चलते भूतपूर्व सैनिक की विधवा पत्नी सुखविंदर कौर ने बेटी और मां के साथ जहर खा लिया। दो वर्ष पहले उसके पति गुरप्रीत सिंह की 38 वर्ष की उम्र में बीमारी के कारण मौत हो गई थी। परिवार ने डेयरी फार्म समेत मकान बनाने के लिए बैंक से लोन लिया था। परिवार पर अब भी 10 लाख रुपए का कर्ज बताया जा रहा है।

मृत पति की पेंशन से होता था गुजारा

परिवार का गुजारा पूर्व फौजी की पेंशन से चलता था, जिसमें से लोन की किस्त भी कटती थी। सुखविंदर कौर की नंबरदारी का कामकाज देख रहे उसके रिश्तेदार जगदेव सिंह (कुठाला) ने बताया कि सुखविंदर की बड़ी बेटी अमनजोत कौर (19) कनाडा जाना चाहती थी, जिसने पिछले वर्ष 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद आइलेट्स में 7 बैंड प्राप्त कर लिए थे। घर की आर्थिक हालत ठीक नहीं थी। सुखविंदर कौर के पति गुरप्रीत सिंह ने ने डेयरी फार्म के लिए 16 लाख रुपए का लोन पास करवाया था, जिसमें से 7 लाख रुपए की किस्त मिल गई थी, परंतु इस दौरान उसकी मौत हो गई थी। सुखविंदर कौर ने घर बनाने के लिए बैंक से कर्ज लिया था।

1 वर्ष बीता लेकिन फाइल नहीं हुई तैयार

उन्होंने बताया कि आर्थिक तंगी के बीच एक वर्ष गुजरा गया, परंतु अमनजोत कौर को कनाडा भेजने की फाइल तैयार नहीं हो सकी। ऐसे में शुक्रवार को सुखविंदर कौर (43), उसकी मां हरमेल कौर (72) और बेटी अमनजोत कौर (19) ने जहर खा कर आत्महत्या कर ली। इसका शनिवार की सुबह पता चला, जब तीनों कमरे में मृत मिले। मौत का यह मंजर सबसे पहले सुखविंदर कौर की छोटी बेटी तरणजोत कौर (14) ने देखा। वह, उसका छोटा भाई अदरसजोत सिंह (13) अपनी दादी कुलजीत कौर के साथ घर के बरामदे में सोए थे। दादी ने सुखविंदर कौर को चाय बनाने के लिए आवाज लगाई तो कमरे से कोई आवाज नहीं आने पर तरणजोत कमरे में देखने गई। उसने बताया कि मां सुखविंदर कौर कमरे के गेट पर और अधरंग से पीडि़त नानी हरमेल कौर बिस्तर से नीचे जमीन पर गिरी पड़ी थी। बड़ी बहन अमनजोत कौर बिस्तर पर ही थी। उसके हिलाने पर कोई नहीं बोला तो उसने चिल्लाना शुरू कर दिया, जिसके बाद पड़ोस के लोग भी वहां आ गए तो देखा कि तीनों मृत पड़े थे।
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VINOD KUMAR

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जहर खाने को पूर्व सैनिक की पत्नी, मां और बेटी मजबूर हुई

Update Time : 04:14:17 am, Sunday, 30 May 2021

आर्थिक तंगी के चलते अपनी बड़ी बेटी को कनाडा नहीं भेज पाने से दुखी थी

चंबा की आवाज-: हालातों ने इस कदर मजबूर किया कि जहर खाने को पूर्व सैनिक की पत्नी, मां और बेटी मजबूर हुई मलेरकोटला में शनिवार को एक ही परिवार के तीन सदस्यों ने सुसाइढ कर लिया। जानकारी अनुसार पंजाब के इस नए जिले की पहली महिला नम्बरदार सुखविंदर कौर आर्थिक तंगी के चलते अपनी बड़ी बेटी को कनाडा नहीं भेज पाने से दुखी थी। इसी के चलते भूतपूर्व सैनिक की विधवा पत्नी सुखविंदर कौर ने बेटी और मां के साथ जहर खा लिया। दो वर्ष पहले उसके पति गुरप्रीत सिंह की 38 वर्ष की उम्र में बीमारी के कारण मौत हो गई थी। परिवार ने डेयरी फार्म समेत मकान बनाने के लिए बैंक से लोन लिया था। परिवार पर अब भी 10 लाख रुपए का कर्ज बताया जा रहा है।

मृत पति की पेंशन से होता था गुजारा

परिवार का गुजारा पूर्व फौजी की पेंशन से चलता था, जिसमें से लोन की किस्त भी कटती थी। सुखविंदर कौर की नंबरदारी का कामकाज देख रहे उसके रिश्तेदार जगदेव सिंह (कुठाला) ने बताया कि सुखविंदर की बड़ी बेटी अमनजोत कौर (19) कनाडा जाना चाहती थी, जिसने पिछले वर्ष 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद आइलेट्स में 7 बैंड प्राप्त कर लिए थे। घर की आर्थिक हालत ठीक नहीं थी। सुखविंदर कौर के पति गुरप्रीत सिंह ने ने डेयरी फार्म के लिए 16 लाख रुपए का लोन पास करवाया था, जिसमें से 7 लाख रुपए की किस्त मिल गई थी, परंतु इस दौरान उसकी मौत हो गई थी। सुखविंदर कौर ने घर बनाने के लिए बैंक से कर्ज लिया था।

1 वर्ष बीता लेकिन फाइल नहीं हुई तैयार

उन्होंने बताया कि आर्थिक तंगी के बीच एक वर्ष गुजरा गया, परंतु अमनजोत कौर को कनाडा भेजने की फाइल तैयार नहीं हो सकी। ऐसे में शुक्रवार को सुखविंदर कौर (43), उसकी मां हरमेल कौर (72) और बेटी अमनजोत कौर (19) ने जहर खा कर आत्महत्या कर ली। इसका शनिवार की सुबह पता चला, जब तीनों कमरे में मृत मिले। मौत का यह मंजर सबसे पहले सुखविंदर कौर की छोटी बेटी तरणजोत कौर (14) ने देखा। वह, उसका छोटा भाई अदरसजोत सिंह (13) अपनी दादी कुलजीत कौर के साथ घर के बरामदे में सोए थे। दादी ने सुखविंदर कौर को चाय बनाने के लिए आवाज लगाई तो कमरे से कोई आवाज नहीं आने पर तरणजोत कमरे में देखने गई। उसने बताया कि मां सुखविंदर कौर कमरे के गेट पर और अधरंग से पीडि़त नानी हरमेल कौर बिस्तर से नीचे जमीन पर गिरी पड़ी थी। बड़ी बहन अमनजोत कौर बिस्तर पर ही थी। उसके हिलाने पर कोई नहीं बोला तो उसने चिल्लाना शुरू कर दिया, जिसके बाद पड़ोस के लोग भी वहां आ गए तो देखा कि तीनों मृत पड़े थे।