भाजपा धन्ना सेठों के हाथ हाईजैक हो चुकी-बकारिया

भाजपा जिला सचिव अशोक बकारिया ने पार्टी के जिला सचिव पद को छोड़ा

चंबा, (विनोद): भाजपा धन्ना सेठों के हाथ हाईजैक हो चुकी है। यह आरोपी किसी विपक्ष के नेता ने नहीं बल्कि भाजपा के जिला सचिव अशोक बकारिया ने अपनी ही पार्टी पर लगाए है। शुक्रवार को बकारिया ने पार्टी के जिला सचिव पद से त्याग पत्र देकर कमल का साथ छोड़ भाजपा को अलविदा कह दिया।

 

अशोक बकारिया के इस त्याग पत्र की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि उन्होंने सिर्फ पद को ही नहीं बल्कि पार्टी की अपनी प्राथमिक सदस्यता को भी त्यागने की बात अपने त्याग पत्र में कही है। बकारिया का इस तरफ से पार्टी को छोड़ना पार्टी हित के हित में भले न हो लेकिन कांग्रेस के लिए यह समाचार निसन्देह शुभ कहा जा सकता है। अशोक बकारिया अपने युवा काल से ही भाजपा व उसके छात्र संगठन abvp के विभिन्न महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वाहन कर चुके है।

 

 

जिला चंबा के डल्हौजी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के लिए यह शुभसमाचार नहीं है। बकारिया ने अपने इस त्याग पत्र के बारे में शुक्रवार देर शाम को social media के माध्यम से यह जानकारी सार्वजनिक करी। हिमाचल विधानसभा चुनाव को महज 3 या 4 माह शेष बचे हैं। ऐसे में भाजपा के इस पदाधिकारी का पार्टी को छोड़ना डल्हौजी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा की राह को कठिन बनाने का काम कर सकता है।

 

भाजपा हिमाचल में जहां मिशन रिपीट का राग अलाप रही है तो दूसरी तरफ जिला चंबा में भाजपा के भीतर सब कुछ ठीक है ऐसा लगता नहीं है। चंद सप्ताह पहले जहां भाजपा मंडल चंबा के महासचिव पद से संजीव सूरी ने त्यागपत्र दिया था तो अब एबीपीवी से संबंध रखने वाले संगठन के सच्चे सिपाही कहे जाने वाले अशोक बकारिया ने भाजपा जिला सचिव पद से त्यागपत्र दे दिया है।
भाजपा धन्ना सेठों के हाथ हाईजैक हो चुकी-बकारिया

सोशल मीडिया पर भाजपा जिला सचिव का त्याग पत्र

इस मामले में सबसे प्रमुख बात यह है कि अशोक बकारिया ने अपने इस त्याग पत्र का आधार घर की जिम्मेवारी या अन्य कोई निजी बहाना नहीं बनाया है बल्कि सीधे-सीधे पार्टी में हो रही अपनी उपेक्षा को इसके लिए उत्तरदायी बताया है। यह पहला मौका है जब जिला चंबा के किसी संगठन से जुड़े व्यक्ति ने भाजपा का दामन छोड़ा है तो साथ ही संगठन व सरकार की कार्यशैली को सवालों के कटघरे में खड़ा किया है।

 

अपने त्याग पत्र में अशोक बकारिया ने कहा है कि उनके ऊपर व उनके बेटे के खिलाफ झूठे केस बनाए गए तो साथ ही ढूंढ-ढूंढ कर उनके वाहनों के चालान काटे गए। भाजपा के विभिन्न पदों पर आसीन कुछ पदाधिकारी सोशल मीडिया पर अपमानित किया जा रहा था लेकिन पार्टी खामोश रही।

 

कांग्रेस व अन्य दलों के नेताओं को भाजपा में शामिल कर उन्हें अधिमान दिया जा रहा था और जीवन भर उनसे लड़ रहें मूल व विविध संगठनों के कार्यकर्ताओं को उपेक्षित तथा प्रताड़ित किया जा रहा था। चुराह भाजपा मंडल प्रभारी पद से बिना किसी कारण के हटाया गया तो वहीं भाजपा जिला सचिव होने के बावजूद जिलास्तरीय पार्टी कार्यक्रमों के बारे में उन्हें कोई सूचना तक नहीं दी जाती थी।

 

अशोक बकारिया ने अपने त्याग पत्र में यह भी कहा है कि मुझे ऐसा लगा कि जिला चंबा में भाजपा धन्ना सेठों के हाथ हाईजैक हो चुकी है, क्योंकि सरकार व संगठन में मेरी बात नहीं सुनी जा रही थी। इन तमाम कारणों के चलते उन्होंने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता एवं जिला सचिव के दायित्व से त्याग पत्र दिया है।