pangi natural farming meeting का आयोजन घाटी में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया। किलाड़ में बैठक आयोजित इस बैठक की APMC चेयरमैन ललित ठाकुर ने अध्यक्षता की। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के पांगी विजन को लेकर चर्चा की गई।
पांगी, ( हिमाचल ) : हिमाचल की पांगी घाटी को प्राकृतिक खेती ( natural farming ) में अग्रणी बनाने के लिए सरकार कई कदम उठा रही है जिसके चलते उपमंडल मुख्यालय किलाड़ में शनिवार को कृषि उपज विपणन समिति (APMC) के चेयरमैन ललित ठाकुर की अध्यक्षता में प्राकृतिक खेती के क्रियान्वयन को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक ( important meeting )आयोजित हुई। यह बैठक हाल ही में मुख्यमंत्री श्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू द्वारा पांगी को प्राकृतिक खेती उपमंडल घोषित किए जाने के उपलक्ष्य में बुलाई गई थी।

बैठक में पांगी के आवासीय आयुक्त रमन घरसंघी, विभिन्न विभागों के प्रमुख अधिकारी, कृषि विभाग एवं आत्मा परियोजना के अधिकारी, वूल फेडरेशन के निदेशक वीर सिंह राणा, APMC चंबा के सदस्य राकेश कुमार, ग्राम पंचायत सुराल के प्रधान दीपक चौहान सहित बड़ी संख्या में प्रगतिशील किसान उपस्थित रहे।

बैठक में जैविक उर्वरक निर्माण, स्थानीय पारंपरिक बीज एवं फसलें, रसायन मुक्त खेती तकनीक और किसानों के लिए विशेष प्रशिक्षण शिविर जैसी योजनाओं पर विस्तार से चर्चा हुई। कृषि विभाग और आत्मा योजना के विशेषज्ञों ने प्राकृतिक खेती को टिकाऊ और लाभदायक बनाने के लिए कई ठोस सुझाव प्रस्तुत किए।

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चेयरमैन ललित ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री का यह दूरदर्शी निर्णय पांगी के किसानों की आजीविका में सकारात्मक बदलाव लाएगा और यह क्षेत्र पूरे देश के लिए प्राकृतिक खेती का आदर्श मॉडल बनेगा। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक खेती के आदेशों को प्राथमिकता के साथ लागू किया जाएगा तथा आगामी बुवाई सीज़न से ही इसके सकारात्मक परिणाम दिखाई देने लगेंगे।
बैठक में मौजूद अधिकारियों व किसानों को संबोधित करते हुूए ललित ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार का यह प्रयास तभी सफल होगा जब सब मिलकर इसे जमीनी स्तर पर लागू करेंगे और पांगी की कृषि को राष्ट्रीय पहचान दिलाएंगे।
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