NHPC Projects Chamba में विवादों में घिरते नजर आने लगे हैं। जिला परिषद चंबा की बैठक में एनएचपीसी पावर प्रोजैक्ट से चंबा को भारी नुकसान(huge loss) पहुंचाने की बात कही गई।
चंबा, (विनोद): जिला चंबा के विकास में NHPC की भूमिका अक्सर सराही जाती रही है, लेकिन यह पहला मौका है जब NHPC Project Chamba को लेकर गंभीर सवाल उठाए गए हैं। इन सवालों के माध्यम से जिले में आपदा से मची तबाही के लिए भी NHPC को जिम्मेदार ठहराया गया।
जिला परिषद बैठक में उठा NHPC विवाद
जिला मुख्यालय चंबा के बचत भवन में आयोजित जिला परिषद की आखिरी बैठक में APMC चेयरमैन और जिला परिषद सदस्य ललित ठाकुर ने NHPC को आड़े हाथों लिया। उन्होंने बताया कि जिले में भारी बारिश( heavy rain) और बादल फटने से रावी नदी में बाढ़ आई।
रावी नदी में बाढ़ और सड़क-पुलों को नुकसान
रावी का जलस्तर बढ़ने पर NHPC ने अपने तीनों पावर प्रोजेक्ट ( power project ) (चमेरा-1, 2, 3) के गेट खोलकर बांध का पानी छोड़ा। इसके चलते चंबा-पठानकोट एनएच बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ और हिमाचल पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ।
चमेरा-1, 2, 3 Hydropower Project की जिम्मेदारी पर सवाल
ललित ठाकुर ने बताया कि एनएचपीसी इन बांधों के साथ जिला की मुख्य सड़क (life line) गुजरती है। हर वर्ष बांधों से पानी छोड़ने के कारण सड़क को भारी क्षति पहुंचती है। मौजूदा मानसून ने चंबा को गंभीर नुकसान पहुंचाया, जिसके लिए NHPC की जिम्मेदारी भी बनती है।
ये भी पढ़ें : जिला चंबा में नया रिकार्ड बना।
सरकार से NHPC से मुआवजा और सड़क देखरेख की मांग
ठाकुर ने कहा कि हिमाचल सरकार को चाहिए कि NHPC की जबावदेही (Accountability) करे तो साथ ही इस नुकसान की पूर्ति करवाई जाए या सड़क की देखरेख का जिम्मा निगम को सौंपा जाए। यदि NHPC ने डैम बनाते समय नदी के कमजोर किनारों पर पुख्ता व्यवस्था की होती, तो शायद सड़क को इतना नुकसान नहीं पहुंचता।
ये भी पढ़ें : हिमाचल में यहां नशा मुक्ति अभियान ने तेजी पकड़ी।