minjar 2025 utsav : अंतर्राष्ट्रीय मिंजर मेला 2025 की चौथी सांस्कृतिक संध्या में पंजाबी सिंगर सतपाल वडाली ने सूफी गायकी के दम पर दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। लोगों का जमकर मनोरंजन किया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश चंबा मिंजर मेला की इस सांस्कृतिक संध्या के मुख्य अतिथि रहे।
चंबा, ( विनोद ) : अंतर्राष्ट्रीय मिंजर मेला ( International Minjar Mela ) की चौथी सांस्कृतिक संध्या का आकर्षण पंजाबी सूफी गायक सतपाल वडाली रहा। prime time में जैसे ही सतपाल वडाली ने मंच संभाला तो लोगों ने तालियों के साथ उसका स्वागत किया। इससे पूर्व हिमाचली कलाकारों व लोक गायकों ने अपनी-अपनी प्रस्तुतियां पेश की।

वडाली ब्रदर्स ने अपने कार्यक्रम की शुरूआत तू माने या न माने दिलदारा, असा ते तेनू रव मनया, तुझ बिन क्या जीना, माइया वे तेरे देखनू चुक चरखा गली दे बीच डावा, दिल देना ते दिल लेना सौदा इक्को जाया, मेरे रसके कमर तूने डाली ऐसी नजर,इश्क वालों से अल्ला बचाए व दमा दम मस्त कलंदर गीत पेश किया। इस साथ ही चंबा का सुप्रसिद्ध लोक गीत माये नी मेरिए शिमला दी राह गीत गाकर लोगों के दिलों को झूने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

मिंजर मेला 2025 की सांस्कृतिक संध्या का आगाज चंबयाली कुंजडी-मल्हार से हुआ। कुंजडी-मल्हार को मिंजर की आत्मा भी कहा जाता है। इसमें बगैर मिंजर मेला की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। यही वजह है कि COVID-19 के दौर में भी जब मिंजर मेला सिर्फ औपचारिकता तक सीमित रहा तो उस दौरान भी कुंजड़ी-मल्हार गायक का आयोजन किया गया था।

बुधवार को मिंजर मेला की cultural night में जिला चंबा के लोक कलाकारों ने भी अपनी-अपनी प्रस्तुतियां पेश की। कलाकारों की अधिक संख्या होने की वजह से इस सांस्कृतिक संध्या का आगाज भी करीब 4 बजे हो गया। इस सांस्कृतिक संध्या की मुख्य अतिथि जिला एवं सत्र न्यायाधीश रही। जिन्हें मिंजर मेला आयोजन समिति अध्यक्ष एवं उपायुक्त मुकेश रेपस्वाल ने स्मृति चिंह भेंट कर सम्मानित किया।

मिंजर मेला में कलाकारों को मंच मुहैया करवाने के उद्देश्य से जिला चंबा के कलाकारों का audition लिया गया लेकिन कलाकारों की भारी भीड़ से कांट-छांट करने के बावजूद कलाकारों की तादाद इतनी अधिक है कि न चाहते हुए भी मिंजर मेला आयोजन समिति को शाम होने से पहले कार्यक्रम शुरू करना पड़ रहा है।

Chamba Ki Awaj 










