चंबा, ( विनोद ): हिमाचल के जिला चंबा में परंपरागत एवं प्राकृतिक कृषि उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं। चूंकि वर्ष 2023 अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। ऐसे में कोदरा, कंगणी, रागी, कुटकी, हरी कंगणी, स्वांक, चीणा,ज्वार और बाजरा सहित 9 प्राचीन तथा पौष्टिक अनाज को फिर से खाने के उपयोग में लाने पर जागरूकता की पहल की गई है।
जलवायु के अनुकूल खेती करने को प्रोत्साहित करें
कृषि एवं पशुपालन मंत्री प्रो. चंद्र कुमार चौधरी ने सोमवार को कृषि तथा पशुपालन विभाग के अधिकारियों के साथ जिला मुख्यालय के बचत भवन में आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही। बैठक में पूर्व मंत्री आशा कुमारी, उपायुक्त अपूर्व देवगन विशेष रूप से मौजूद रहे। प्रो. चंद्र कुमार चौधरी ने कृषि विभाग के अधिकारियों से जिला में सभी किसानों को जलवायु के अनुकूल खेती के लिए प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए।
हिम उन्नति योजना की समीक्षा
कृषि विभाग की महत्वाकांक्षी हिम उन्नति योजना के तहत कार्यों की समीक्षा करते हुए उन्होंने जल्द विभागीय प्रक्रियाओं को पूरा करने को कहा। कृषि मंत्री ने कहा कि हम उन्नति योजना के अंतर्गत समूह (क्लस्टर) आधारित गतिविधियों में कृषि, भू एवं जल संरक्षण, उद्यान, पशुपालन से सम्बंधित गतिविधियों को शामिल किया गया है।
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पशुपालन विभाग के कार्यों की समीक्षा हुई
प्रो. चंद्र कुमार चौधरी ने इस दौरान पशुपालन विभाग द्वारा किए जा रहे विभिन्न कार्यों की समीक्षा भी की। उपनिदेशक कृषि डॉ. कुलदीप सिंह धीमान ने बैठक में अवगत किया कि विभाग द्वारा हिम उन्नति योजना के अंतर्गत जिला में 90 क्लस्टर चयनित किए गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि खरीफ सीजन-2023 के दौरान जिला में किसानों को 20 क्विंटल रागी, एक क्विंटल बाजरा, कोदरा, कुटकी तथा 1640 क्विंटल मक्की का बीज किसानों को अनुदान पर उपलब्ध करवाया गया।
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बैठक में आत्मा तथा जायका परियोजना के तहत किए गए कार्यों की समीक्षा भी की गई। इस अवसर पर पूर्व अध्यक्ष जिला परिषद धर्म पठानिया, सहायक आयुक्त मनीष चौधरी, डीएसपी जितेंद्र चौधरी, उपनिदेशक पशुपालन डॉ. लाल गोपाल सहित कृषि एवं पशुपालन विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।