hp political crisis : हिमाचल का बड़ा राजनैतिक धटनाक्रम घटने वाला है। इस बात के संकेत शुक्रवार रात को विक्रमादित्य सिंह, राजेंद्र राणा, सुधीर शर्मा व निष्काषित अन्य नेताओं ने फेसबुक पोस्ट इस बात के संकेते देते प्रतीत होती हैं।
चंबा, ( विनोद ): हिमाचल की सुक्खू सरकार का भविष्य शायद बहुत जल्द तय हो जाएगा और अबकि बार शायद की हिमाचल की कांग्रेस सरकार को संभलने का मौका मिले। यूं तो इस बात के संकेत राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के रूप में ही देखने को मिल गए थे लेकिन शुक्रवार रात को कुछ ऐसा घटित हुआ है जिसकी शायद ही किसी ने कल्पना की हो।
विक्रमादित्य सिंह, लखनपाल सहित अन्य ने अपने सोशल मीडिया फेसबुक पोस्ट से कांग्रेस का निशान व अपना राजनैतिक पोर्टफोलिया(political portfolio) हटा कर अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र का सेवक लिखा है। विक्रमादित्य सिंह ने खुद को हिमाचल का सेवक लिखा है।
राजेंद्र राणा ने तो अपने फेसबुक पेज पर शब्दों के बाणों को इस कदर छोड़ा कि सुधीर शर्मा ने उस पर एक कहावत के सहारे सुक्खू पर तीखा हमला कर दिया। देखते ही देखते राणा के इन शब्दभेदी भाणों को नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने अपने सोशल मीडिया(social media) एकाऊंट के माध्यम से और तेज धार देने का काम किया।
इस बात से यह बात पुख्ता होने के आसार नजर आते हैं कि राजनीति की पक रही खिचड़ी जल्द ही उसका स्वाद पूरा हिमाचल चखेगा। शुक्रवार को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ वोट करने वालों पर तीखा बार किया था। दूसरी तरह से विक्रमादित्य का पंचकूला में हरिणाम के मुख्यमंत्री मनोहर खट्टर के पब्लिसिटी एडवाजर के साथ नजर आना और निष्काषित विधायकों के साथ मुलाकात करना अपने आप में बड़ी कहानी ब्यान करती है।
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इस बात पर मुख्यमंत्री ने भले विक्रमादित्य के इस दौरे को लेकर यह कहा कि विक्रमादित्य उन्हें बता कर गए है लेकिन शुक्रवार रात को उस वक्त सोशल मीडिया में हलचल मच गई जब विक्रमादित्य सहित कई नेताओं ने अपने सोशल मीडिया हैंडल की प्रोफाइल से कांग्रेस का नाम हटा दिया। विक्रमादित्य ने तो अपने फेसबुक पेज पर लिखे लोनिवि मंत्री को हटा कर हिमाचल का सेवक लिया।